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राफेल मामले में गलत तथ्य पेश करने के लिए अटॉर्नी जनरल को तलब करे पीएसी: सिब्बल

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर राहुल गांधी के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने केंद्र...
राफेल मामले में गलत तथ्य पेश करने के लिए अटॉर्नी जनरल को तलब करे पीएसी: सिब्बल

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर राहुल गांधी के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्‍य दाखिल करने के लिए जिम्‍मेदार है। मुझे लगता है कि अटॉर्नी जनरल को पीएसी  के सामने बुलाकर यह पूछा जाना चाहिए कि क्‍यों कोर्ट में गलत तथ्‍य पेश किए गए।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र सरकार दावा कर रही है कि उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई है। लेकिन उन्होंने कोर्ट के फैसले को पढ़ा है और जिसमें सरकार को कोई क्लीन चिट नहीं मिली है। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट कोई जांच एजेंसी है, जो 'क्लीन चिट' मिल गया को प्रचारित किया जा रहा है।    

'प्राइसिंग की जांच नहीं तो क्लीनचिट कैसी'

कांग्रेस नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब राफेल डील की प्राइसिंग की जांच ही नहीं की तो सरकार ऐसा दावा कैसे कर सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला लेने के लिए उचित फोरम नहीं है। क्योंकि सभी फाइलें वहां खोली नहीं जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के पास इसका अधिकार नहीं है।  

'आरोप फिक्शन नहीं, साबित करके रहेंगे'

भाजपा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में जो चीज आती ही नहीं है तो नेताओं को यह नहीं कहना चाहिए कि कांग्रेस के आरोप फिक्शन हैं। उन्होंने कहा कि 2जी, कोल स्कैम में क्या हुआ था? तमाम आरोप लगाए गए लेकिन आरोप फिक्शन निकले। हम साबित करके रहेंगे कि राफेल केस में हम सही हैं। चुनावों से पहले अमित शाह के बयान पर उन्होंने कहा कि हम उन्हें दूरबीन भेंट करेंगे। शाह ने पहले कहा था कि चुनाव बाद दूरबीन से देखने पर भी कांग्रेस कहीं नहीं दिखेगी।

कैग रिपोर्ट पर कोर्ट में बोला झूठः खड़गे

इससे पहले कांग्रेस नेता मल्‍लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा, शुक्रवार को जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है, उससे माना जा सकता है कि कोर्ट के सामने सरकार ने ठीक तरीके से तथ्यों को नहीं रखा। कोर्ट को सरकार ने गुमराह करने का काम किया है। सरकार ने कहा है, सीएजी रिपोर्ट पेश की गई है, पीएसी  ने जांच की है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्‍होंने कहा, पीएसी की जांच के वक्त साक्ष्य  लिए जाते है, पेशी होती है, सारे मेंबर पेश होते हैं, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।

 

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