Advertisement

भाजपा नेता तथागत राय के ट्वीट पर हंगामा, अभिनेत्रियों को कहा नगरीय नटी, उन्हें टिकट देने पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीद के मुकाबले बेहद खराब प्रदर्शन को पार्टी के अनेक नेता...
भाजपा नेता तथागत राय के ट्वीट पर हंगामा, अभिनेत्रियों को कहा नगरीय नटी, उन्हें टिकट देने पर उठाए सवाल

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीद के मुकाबले बेहद खराब प्रदर्शन को पार्टी के अनेक नेता पचा नहीं पा रहे हैं। ऐसे ही नेताओं में एक हैं तथागत राय। वैसे तो वे खुलकर अपनी राय व्यक्त करने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कल तक उनकी राय भाजपा विरोधियों के लिए होती थी। नतीजे आने के बाद उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर ही हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी ने जिन सिनेमा और टीवी स्टार को टिकट दिया था, उन्हें उन्होंने ‘नगरीय नटी’ और पार्टी नेतृत्व के लिए ‘प्रभु’ शब्द का इस्तेमाल किया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर सवाल भी उठाए हैं। उनके इस ट्वीट पर प्रदेश में बवाल मच गया है।

बोले- अभिनेत्रियां तृणमूल नेता के साथ ‘नौकाविलास’ पर गई थीं

तथागत राय ने मंगलवार को किए गए अपने ट्वीट में सिनेमा स्टार श्रावंती चट्टोपाध्याय, पायल सरकार और तनुश्री चक्रवर्ती को टिकट दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि ये महिलाएं राजनीतिक रूप से इतनी मूर्ख हैं कि वे चुनाव से एक महीने से भी कम समय पहले तृणमूल के प्लेबॉय-नेता मदन मित्र के साथ नौकाविलास पर गई थीं और उनके साथ सेल्फी ली। ये सब की सब हार गई हैं। पहले उन्होंने तनुश्री चक्रवर्ती की जगह पर्णो मित्र का नाम लिखा था, जिसे बाद में संशोधित किया।

दिलीप घोष, विजयवर्गीय से सवाल

उन्होंने लिखा है कि ये ‘नगरी नटी’ चुनाव का पैसा लेकर घूमने में व्यस्त थीं। इन लोगों को टिकट किसने दिया? क्यों दिया? दिलीप घोष, कैलाश विजयवर्गीय, शिवप्रकाश, अरविंद मेनन प्रभुगण क्या आप इस पर प्रकाश डालेंगे?

तथागत राय भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और त्रिपुरा तथा मेघालय के राज्यपाल रह चुके हैं। इस चुनाव में उन्होंने एक बार फिर सक्रिय राजनीति में उतरने की इच्छा जताई थी। वे भवानीपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने रुद्रनील घोष को टिकट दिया जो तृणमूल के शोभन देव चट्टोपाध्याय से हार गए।

उनकी इस टिप्पणी पर एक और अभिनेत्री श्रीलेखा मित्र ने कहा, “अभिनेत्रियां जानती थीं कि गेरुआ शिविर महिलाओं को किस नजर से देखता है। इसके बावजूद वे भाजपा में क्यों गई थीं? अपने अपमान का रास्ता उन्होंने खुद तैयार किया है। किसी को कुछ नहीं कह सकते।”

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad