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आठवले ने शिवसेना को दिया 3+2 का फॉर्मूला, भाजपा के साथ सरकार बनाने की कवायद

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सियासी हलचल लगातार जारी हैं। अभी तक कुछ भी पूरी तरह साफ नहीं हो पाया...
आठवले ने शिवसेना को दिया 3+2 का फॉर्मूला, भाजपा के साथ सरकार बनाने की कवायद

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सियासी हलचल लगातार जारी हैं। अभी तक कुछ भी पूरी तरह साफ नहीं हो पाया है। इस बीच मोदी सरकार के मंत्री और आरपीआई नेता रामदास आठवले ने शिवसेना को नया फॉर्मूला दिया है। उन्होंने कहा, “मैंने शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत से बात की है, मैंने उन्हें एक फार्मूला सुझाया जिसके तहत सूबे में 3 साल तक भाजपा का सीएम और दो साल तक शिवसेना का सीएम होगा। जिसपर उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सहमत होती है तो शिवसेना इस बारे में सोच सकती है। मैं भाजपा के साथ इस पर चर्चा करूंगा।”

पवार के बयान से फिर बना सस्पेंस

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक से पहले चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा, भाजपा और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 'उन्हें अपना रास्ता चुनना है।' संसद में मीडिया से बातचीत में पवार ने कहा, "भाजपा-शिवसेना ने साथ चुनाव लड़ा था, एनसीपी और कांग्रेस ने साथ चुनाव लड़ा था। उन्हें अपना रास्ता चुनना है और हमें अपनी राजनीति करनी है।" पवार के इस बयान से महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर असमंजस खड़ा हो गया है।

'शिवसेना कट्टर विचारधारा छोड़े'

महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी को जनादेश नहीं मिला है। सरकार बनाने की समय सीमा खत्म होने के बाद पिछले मंगलवार वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया। हालांकि कांग्रेस और शिवसेना के बीच वैचारिक रूप से असमानता है लेकिन फिर भी गठबंधन की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि गठबंधन के लिए हां कहने से पहले,पार्टी चाहती है कि शिवसेना अपनी कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा को कम करे और कुछ मुद्दों पर धर्मनिरपेक्ष रुख अपनाए। एनसीपी चाहती है कि कांग्रेस सरकार का हिस्सा हो।

सीएम पद को लेकर नहीं बनी थी बात

चुनाव से पहले सहयोगी भाजपा और शिवसेना ने 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था। भाजपा को 288 सीटों में से 105 सीटें मिलीं जबकि शिवसेना 56 सीटें जीतने में सफल रही। लेकिन भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार नहीं बन सकी क्योंकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद की मांग की थी। भाजपा द्वारा इस मांग को नकार दिए जाने के बाद गठबंधन टूट गया था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने राज्य में क्रमशः 44 और 54 सीटें जीतीं हैं।

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