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फिल्म नहीं, सीरियल है पीयूष गोयल के लेन-देन की कहानी: कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अलग-अलग कंपनियों में लेन-देन और उन कंपनियों को...
फिल्म नहीं, सीरियल है पीयूष गोयल के लेन-देन की कहानी: कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अलग-अलग कंपनियों में लेन-देन और उन कंपनियों को बेहद ऊंचे दामों पर बेचने की कहानी एक फिल्म नहीं बल्कि ऐसा सीरियल है, जिसके कई एपिसोड हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री पीयूष गोयल और उनके वित्तीय लेन-देन को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इस सिलसिले में भाजपा ने पीयूष गोयल के बचाव में जो तर्क दिए हैं,  उससे मोदी सरकार के मंत्रियों, भाजपा और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लग गया है। उन्होंने कहा कि 28 अप्रैल को दस्तावेजी सबूतों के साथ खुलासा किया गया था कि किस तरह पीयूष गोयल और उनकी पत्नी की कंपनी फ्लैशनेट इंफो सोल्युशन्स इंडिया लिमिटेड के सारे 50,020 शेयर पीरामल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 10 हजार रुपए प्रति शेयर के हिसाब से खरीद कर 48 करोड़ रुपयो का भुगतान किया  उससे पता चलता है कि इन शेयरों की कीमत एक हजार गुना बढ़ा दी गई थी।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी जी और भाजपा अपनी नकली आक्रामकता से जिस तरह इस सबको छिपाने की कोशिश कर रही है  उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

- अगर शेयरों को 29  सितंबर, 2014  को बेच दिया गया था (जैसा कि 2015 की डायरेक्टर्स रिपोर्ट से साफ है)  तो फिर इन शेयरों को बेचने से पहले और बेचने के बाद उनकी संपत्ति की घोषणा में शेयरों की कीमत एक जैसी कैसे है?

- क्या फ्लैशनेट इंफो सोल्यूशन्स सिर्फ कंसल्टेंसी सेवाएं देने वाली कंपनी है? इस कंपनी में पीयूष गोयल के अलावा 31 मार्च 2014 तक और कौन-कौन सलाहकार थे?

- क्या यह सच नहीं है कि 31 मार्च 2014  को इस कंपनी की कुल परिसंपत्तियां (ट्रेड से होने वाली आमदनी, कर्ज और अग्रिम आदि मिलाकर) सिर्फ 14.24  करोड़ रुपये थीं?

- क्या यह सच नहीं है कि 31 मार्च 2014  को देनदारी निकालने के बाद कंपनी की कुल परिसंपत्तियां 12.50  करोड़ रुपये थी?

- क्या यह सच नहीं है कि इस कंपनी का लगभग पूर्व स्वामित्व (50,020  शेयर) पीयूष गोयल और उनकी पत्नी के पास नहीं था?

- इससे क्या यह अर्थ नहीं निकलता कि 31 मार्च 2014  को इन शेयरों का कुल मूल्य अधिक से अधिक 12.50 करोड़ रुपये हो सकता था?

आखिर पीरामल समूह की कंपनी ने फ्लैशनेट के शेयरों को चार गुना दाम देकर करीब 50 करोड़ में क्यों खरीदा?

- ऐसा लगता है कि फ्लैशनेट का एकमात्र एसेट सिर्फ पीयूष गोयल थे, जो कंपनी में कंसल्टेंट की हैसियत से जुड़े हुए थे। इनके कंपनी से अलग होने के बाद कंपनी के पास और क्या एसेट बचे थे?

- अगर फ्लैशनेट की नेट वर्थ यानी कुल संपत्ति 31 मार्च 2014 को 12.50  करोड़ थी, तो चंद महीनों में ही इसका मूल्य करीब 50  करोड़ कैसे पहुंच गया?

- क्या पीरामल समूह सिर्फ फ्लैशनेट के 50020  शेयर खरीद रहा था या फिर इसके साथ उसे कुछ और भी मिला जिसके लिए उसने 50  करोड़ रुपए चुकाए?

- पीयूष गोयल और उनकी पत्नी सीमा गोयल के शेयर बेचे जाने के तुरंत बाद फ्लैशनेट इंफो सोल्युशन्स इंडिया लिमिटेड का नाम बदल कर आसान इंफो सोल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड क्यों कर दिया गया?

- पीयूष गोयल और उनकी पत्नी सीमा गोयल से कंपनी खरीदने के चंद दिनों बाद ही आखिर पीरामल परिवार के चार सदस्यों ने फ्लैशनेट के बोर्ड से इस्तीफा क्यों दे दिया?

- आखिर पीयूष गोयल फ्लैशनेट इंफो सोल्यूशन्स इंडिया लिमिटेड की वैल्युएशन रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे हैं और वे ऐसा कब करेंगे?

 

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