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स्मृति ईरानी से जुड़े इन विवादों को लेकर सोशल मीडिया पर मचा था खूब हंगामा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी...
स्मृति ईरानी से जुड़े इन विवादों को लेकर सोशल मीडिया पर मचा था खूब हंगामा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए सोमवार को 7 राज्यों की 51 सीटों पर मतदान जारी है। इस चरण के तहत उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर भी वोटिंग हो रही है जिनमें से प्रमुख सीटें हैं अमेठी, रायबरेली और लखनऊ। अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मुकाबला स्मृति इरानी से है, वहीं रायबरेली से सोनिया गांधी मैदान में हैं। लखनऊ सीट से गृहमंत्री राजनाथ सिंह बीजेपी के उम्मीदवार हैं जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मैदान में हैं।

पांचवे चरण के चुनाव में जितनी चर्चा उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट की है, उतनी ही चर्चा बीजेपी नेता स्मृति जुबिन ईरानी की भी है। इसी कड़ी में आज हम आपको उनसे जुड़े कुछ विवादों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो टीवी से लेकर सोशल मीडिया पर काफी छाए रहे।

ईरानी ने 11 अप्रैल को अपना नामांकन भरा था और तभी से एक बार फिर उनका डिग्री मामला चर्चा में आ गया। 2019 लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने अपने नामांकन हलफनामे में खुद को 12वीं पास बताया है जबकि साल 2014 में स्मृति ईरानी ने अपने हलफनामे में खुद के ग्रेजुएट होने की बात कही थी।

आइए स्मृति ईरानी से जुड़े कुछ पुराने विवादों पर नजर डालते हैं...

डिग्री विवाद

स्मृति ईरानी का पहला और अब तक विवादों में बने रहने वाला डिग्री विवाद। इस विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब स्मृति ईरानी ने 2004 और 2014 में शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग-अलग बात बताईं। 2004 में स्मृति ईरानी ने एफिडेविट के जरिए दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट डिग्री में स्नातक होने की बात लिखी। इसमें कहा गया कि उन्होंने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉरेस्पोडेंस कोर्स के ज‌रिए स्नातक की डिग्री ली है। लेकिन जब 2014 में स्मृति ईरानी अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं, तो उन्होंने 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स पार्ट-1 में स्नातक होने की बात लिखी। इसके बाद साल 2019 में स्मृति ईरानी ने एक बार खुद को 12वीं पास बताया है।

दरअसल, ईरानी की डिग्री को लेकर विवाद काफी पुराना है। ईरानी ने जैसे ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाला था, उनकी शैक्षणिक योग्‍यता को लेकर विवाद शुरू हो गया था। कई लोगों ने सवाल उठाए थे कि कैसे उस शख्‍स को इस मंत्रालय का कार्यभार दिया जा सकता है जिन्‍होंने कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा है।

रोहित वेमुला और जेएनयू मामला

स्मृति ईरानी के साथ दूसरा विवाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या और जेएनयू मामले को लेकर जुड़ा है। रोहित वेमुला के मामले में स्मृति ईरानी विपक्ष के साथ ही विद्यार्थियों के निशाने पर भी आईं। उन पर इन मामलों को सही से हैंडल न कर पाने के आरोप लगे और इसके बाद स्मृति को शिक्षा मंत्रालय से हटाकर कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी।

सबरीमाला मंदिर विवाद

स्मृति ईरानी को लेकर तीसरा विवाद पिछले साल उस समय जुड़ा जब केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर उन्होंने बयान दिया था। ईरानी ने कहा था कि महिलाओं को पूजा करने का अधिकार है, लेकिन अपवित्र करने का नहीं। उनके इस बयान पर महिला संगठनों से लेकर दूसरे कई लोगों ने आपत्ति जताई थी।

ईरानी और संजय निरूपम का टीवी डिबेट

स्मृति ईरानी से जुड़ा चौथा विवाद साल 2012 का है। जब एक टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने स्मृति ईरानी को अपशब्द कहे थे। इसके बाद दोनों ने ही एक-दूसरे पर मानहानि का दावा ठोक दिया था। हालांकि बाद में कोर्ट ने स्मृति ईरानी को राहत दी और उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले को खारिज कर दिया था।

डियर विवाद

ईरानी से जुड़ा पांचवां विवाद उस समय का है जब बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने ट्विटर पर ईरानी को ‘डियर’ कहकर संबोधित कर दिया था जिससे वह काफी नाराज हो गई थीं। ईरानी ने चौधरी से सवाल किया था कि वह महिलाओं को डियर कहकर कब से संबोधित करने लगे। इस मुद्दे पर दोनों के बीच काफी लंबा 'ट्विटर युद्ध' भी चला था।

शुरुआत से ही गांधी परिवार के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है अमेठी

दरअसल, अमेठी सीट कांग्रेस का गढ़ रही है और इस सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ स्मृति ईरानी चुनाव लड़ रही हैं। राहुल को टक्कर देने के लिए ही बीजेपी ने यह दांव खेला है क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनावों में भी स्मृति ने राहुल को कड़ी टक्कर दी थी।

अमेठी को शुरुआत से ही गांधी परिवार के प्रभाव वाली सीट माना जाता है लेकिन इस बार बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है कि वह इस सीट पर अपना कुछ प्रभाव जमा सके इसलिए उसने जुझारू नेता की छवि वाली स्मृति ईरानी को चुनाव में खड़ा किया है। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनावों में स्मृति, राहुल से करीब एक लाख वोटों से हार गई थीं। इससे पहले 2004 में स्मृति ईरानी कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ दिल्ली के चांदनी चौक से चुनाव लड़ चुकी हैं।

 

 

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