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पार्टी में रहकर भी मोदी के खिलाफ बोलते है ये लोग, सीधे लगाते है निशाना

भारतीय जनता पार्टी की सरकार इन दिनों राफेल से लेकर किसानों के मुद्दों पर विपक्ष के निशाने पर है।...
पार्टी में रहकर भी मोदी के खिलाफ बोलते है ये लोग, सीधे लगाते है निशाना

भारतीय जनता पार्टी की सरकार इन दिनों राफेल से लेकर किसानों के मुद्दों पर विपक्ष के निशाने पर है। कांग्रेस को हाल ही में तीन राज्यों में चुनाव जीताने में भी इन मुद्दों की बड़ी भूमिका रही है। इसे लेकर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन अब भाजपा के भी कुछ नेता दबी-खुली जुबान से अपनी सरकार की नाकामियों को लेकर कोसते दिखाई दे रहे हैं। पिछले दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता संघप्रिय गौतम ने संगठन में बड़े बदलाव की नसीहत दी तो वहीं सांसद वरूण गांधी ने किसानों की हालत पर अपनी चिंता जाहिर की। इन नेताओं के अलावा शत्रुघ्न सिन्हा से लेकर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी तक भी पार्टी और सरकार पर निशाना साधते नजर आते हैं।

आइए, कुछ ऐसे ही भाजपा के दिग्गज नेताओं के बयानों पर नजर डालते हैं-

1.वरूण गांधी- 67 साल में 100 उद्योगपतियों के मुकाबले किसानों को मिला सिर्फ 17% पैसा

भाजपा सांसद  वरूण गांधी ने शुक्रवार को कहा कि साल 1952 से लेकर 2019 तक देश के 100 उद्योगपतियों को जितना पैसा दिया गया, उस रकम का केवल 17 फीसदी धन ही केंद्र और राज्य सरकारों से किसानों को आर्थिक सहायता राशि के तौर पर अब तक मिला है। इससे ज्यादा शर्मनाक आंकड़ा कुछ नहीं हो सकता है।

यह पहली बार नहीं है जब वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को आड़े हाथ लिया हो। उन्होंने पिछले महीने उत्तरप्रदेश में सुल्तानपुर दौरे के दौरान भी मोदी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि सिर्फ भारत माता की जय बोलने से राष्ट्रभक्ति साबित नहीं होगी। राष्ट्रभक्त बनने के लिए सर्वस्थ न्यौछावर करना होता है।

2.संघप्रिय गौतम-गडकरी को उप प्रधानमंत्री और राजनाथ को बनाओ यूपी का सीएम

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता संघप्रिय गौतम ने कहा कि जनता ही नहीं भाजपा कार्यकर्ताओं में भी सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर काफी गुस्सा है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जीत सुनिश्चित करने के लिए संगठन में बड़े बदलाव करने चाहिए। गौतम ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी  को उप प्रधानमंत्री बना देना चाहिए और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।

संघप्रिय गौतम ने मीडिया को पत्र जारी करते हुए कहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को उप प्रधानमंत्री बना देना चाहिए और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अमित शाह को राज्यसभा में कमान संभालनी चाहिए, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष की बागडोर शिवराज सिंह चौहान को सौंपी जानी चाहिए। उनका कहना है कि इस बदलाव से भाजपा कार्यकर्ताओं में विश्वास बढ़ेगा।

3.शत्रुघ्न सिन्हा- वन मैन शो, टू मेन आर्मी

बिहार के पटना साहिब से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अक्सर अपनी पार्टी और नेतृत्व के खिलाफ बोलते दिखाई देते हैं। पिछले दिनों उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से वन मैन शो और टू मेन आर्मी के खिलाफ हैं। सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र में एक पार्टी व्यक्ति से बड़ी होती है लेकिन राष्ट्र पार्टी से बड़ा होता है। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को वादों और जुमलों (बयानबाजी) के बजाय नौकरियों और बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ 15 लाख रुपये की बात नहीं कर रहा हूं। ना ही मैं उनके खिलाफ हूं। मैं व्यक्तिगत रूप से वन मैन शो और टू मैन आर्मी के खिलाफ हूं।

4.नितिन गडकरी- हार का जिम्मेदार कौन?’

तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद पिछले महीने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इशारों-इशारों में पार्टी नेतृत्व को जिम्मेदारी लेने की बात कही थी। दिल्ली में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सालाना लेक्चर में गडकरी ने कहा था, 'अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद-विधायक अच्छा काम नहीं कर रहे हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? मैं।' उन्होंने कहा कि अगर विधायक या सांसद  हारे तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? इससे पहले गडकरी ने कहा था, 'सफलता के कई पिता होते हैं, लेकिन असफलता अनाथ होती है। जहां सफलता है वहां श्रेय लेने वालों की होड़ लगी होती है, लेकिन हार में हर कोई एक दूसरे पर उंगली उठाने लगता है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि कि नेतृत्व में हार की जिम्मेदारी लेने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। संगठन के प्रति नेतृत्व की वफादारी तब तक साबित नहीं होगी, जब तक वह हार की जिम्मेदारी नहीं लेता।

5.उदित राज- आरक्षण खतरे में है

भाजपा सांसद उदित राज अक्सर दलितों के मसले पर अपनी पार्टी और सरकार को नसीहत देते दिखाई देते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक उदित राज ने पिछवे दिनों कहा था, 'आज कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम बढ़ गया है, आउटसोर्सिंग इतनी बढ़ गई है कि देश में इस समय भारी बेरोजगारी है। रिजर्वेशन खतरे में है पूरी तरह से, 80-90 परसेंट आरक्षण ख़त्म हो चुका है।'

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिए बयान 'हनुमान दलित थे' की आलोचना की थी। उदित राज ने कहा था कि भगवान हनुमान को एक बंदर के रूप में देखा जाता रहा है। मंदिरों में भी उन्हें एक वानर के रूप में चित्रित किया गया है। तो क्या दलित बंदर हैं?

 

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