कांग्रेस ने बुधवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि वर्ष 2008 में जब ‘‘परमाणु रंगभेद की नीति’’ को खत्म करने का प्रयास जा रहा था तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को पटरी से उतारने का प्रयास किया था।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने परमाणु ऊर्जा संबंधी विधेयक का विरोध करते हुए यह भी कहा कि इसे विस्तृत विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाना चाहिए।