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चिदंबरम का मोदी सरकार पर कटाक्ष, ‘करोड़ों नौकरियां खत्म...जीएसटी और नोटबंदी के लिए शुक्रिया’

मोदी सरकार पूरे देश में जीएसटी लागू होने के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में 'जीएसटी डे' मना रही है। वहीं...
चिदंबरम का मोदी सरकार पर कटाक्ष, ‘करोड़ों नौकरियां खत्म...जीएसटी और नोटबंदी के लिए शुक्रिया’

मोदी सरकार पूरे देश में जीएसटी लागू होने के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में 'जीएसटी डे' मना रही है। वहीं कांग्रेस मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। 

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि जीएसटी ने आधारभूत संरचना की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। इसके  दर और कार्यान्वयन इतने दोषपूर्ण थे कि जीएसटी व्यापारियों, निर्यातकों और आम नागरिकों के बीच एक बुरा शब्द बन गया है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के संबंध में बीजेपी सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम में गहरा दोष था। जीएसटी विधेयक में जीएसटी के कई पहलुओं पर मुख्य आर्थिक सलाहकार की सलाह को नजरअंदाज किया गया जिसमें  विशेष रूप से दर भी शामिल है।

पूर्व वित्तमंत्री ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जीएसटी और नोटबंदी के लिए धन्यवाद, औद्योगिक क्षेत्रों ने एक करोड़ नौकरियां खो दी हैं।

उन्होंने कहा कि यह एक निर्विवाद तथ्य है कि जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है।चिदंबरम ने सुझाव दिया कि जीएसटी के तहत पेट्रोलियम उत्पादों को लाया जाना चाहिए। पेट्रोलियम उत्पादों और बिजली को जीएसटी के तहत लाया जाना चाहिए। मानसून सत्र में विपक्ष के साथ सुझाए गए कई संशोधनों पर चर्चा की जानी चाहिए। परिभाषा के अनुसार आपात स्थिति के मामले में 'सेस' एक अस्थायी उपाय है। लेकिन सरकार जीएसटी के शीर्ष पर सेस डाल रही है एक पूरी तरह से गलत है।

बता दें कि मोदी सरकार आज वस्तु एवं सेवाकर यानी जीएसटी लागू होने के एक साल पूरे होने पर जोरशोर से जश्न मना रही है। इसे लेकर सरकार उपलब्धि बताने में जुटी है। वहीं विपक्ष की ओर से इसे 'डरावना साल' बताया जा रहा है। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर ‘जीएसटी का एक डरावना वर्ष’ लिखा है।

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