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आर्थिक मंदी पर प्रियंका ने उठाए सवाल, कहा- सरकार बताए कैसे हैं देश की अर्थव्यवस्था के हालात

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘मंदी’ की बात नहीं स्वीकारने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला...
आर्थिक मंदी पर प्रियंका ने उठाए सवाल, कहा- सरकार बताए कैसे हैं देश की अर्थव्यवस्था के हालात

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘मंदी’ की बात नहीं स्वीकारने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में ‘राजनीति’ से ऊपर उठने और भारत की जनता से सच बोलने की जरूरत है। ट्वीट करते हुए प्रियंका ने सवाल किया, 'क्या सरकार यह मानती है कि आर्थिक मंदी है या नहीं?

प्रियंका की यह टिप्पणी उस समय आई जब वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार जरूरत के मुताबिक क्षेत्रवार समस्याओं को सुलझाने के कदम उठा रही है। दरअसल सीतारमण से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है। सीतारमण ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र अपनी समस्याओं के साथ हमारे पास आता है तो हम उन्हें सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं।’

क्या सरकार स्वीकार करती है कि मंदी है या नहीं’

वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया, ‘क्या सरकार स्वीकार करती है कि मंदी है या नहीं? वित्त मंत्री को हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में राजनीति से ऊपर उठने और भारत के लोगों से सच बोलने की जरूरत है.’ कांग्रेस महासचिव ने पूछा, ‘‘वे इस बात को स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं है तो कैसे वे इस बड़ी समस्या को हल करेंगे जो उन्होंने खुद पैदा की है.’’

मनमोहन सिंह ने भी जाहिर की थी चिंता

इससे पहले पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थित स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि आज अर्थव्यवस्था की हालत काफी चिंताजनक है। पिछली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि मात्र पांच फीसदी तक सीमित रहना नरमी के लंबे समय तक बने रहने का संकेत है। मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन के कारण यह नरमी आई है।

मनमोहन सिंह के बयान पर क्या बोलीं थीं सीतारमण

पूर्व प्रधानमंत्री के बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि उन्होंने जो कहा, उस पर मेरा कोई विचार नहीं है। उन्होंने जो कहा है मैंने भी उसे सुना है।' सीतारमण ने कहा, 'क्या डॉ. मनमोहन सिंह कह रहे हैं कि 'राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल होने के बजाय उन्हें चुप्पी साधे लोगों से सलाह लेनी चाहिए? क्या उन्होंने ऐसा कहा है? ठीक है, धन्यवाद, मैं इस पर उनकी बात सुनूंगी। यही मेरा जवाब है।'

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