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शिवराज सिंह का विवादित बयान, पंडित नेहरू को बताया 'क्रिमिनल'

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर राजनीतिक तकरार खत्म होने का नाम नहीं...
शिवराज सिंह का विवादित बयान, पंडित नेहरू को बताया 'क्रिमिनल'

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर राजनीतिक तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है तो भाजपा भी पलटवार करने से बिल्कुल नहीं चूक रही है। अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर विवादित बयान दिया है। अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू 'क्रिमिनल' थे।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, 'जब भारतीय सेना कश्मीर से पाकिस्तानी कबाइलियों का पीछा कर रही थी, तो उन्होंने (जवाहरलाल नेहरू) युद्ध विराम की घोषणा कर दी। कश्मीर के एक-तिहाई हिस्से पर पाक का कब्जा है। अगर कुछ और दिनों के लिए युद्धविराम नहीं होता, तो पूरा कश्मीर हमारा होता।'

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'जवाहरलाल नेहरू का दूसरा अपराध 370 है।' उन्होंने कहा कि, 'एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान, यह एक देश के साथ अन्याय नहीं बल्कि उसके खिलाफ अपराध है।'

जारी है विवादित बयानबाजी का दौर

बता दें कि इनसे पहले अपने बयान को लेकर निशाने पर आए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सफाई देनी पड़ी। शुक्रवार को सीएम खट्टर ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद अब लड़कियों को शादी के लिए कश्मीर से लाया जा सकता है। अब हम भी शादी के लिए कश्मीरी लड़की ला सकते हैं।

हालांकि विवाद बढ़ने पर उन्होंने कहा, 'मैं कश्मीर की लड़कियों को अपनी बेटियां मानता हूं। मेरा आशय कोई गलत टिप्पणी करने का नहीं था। देश की हर बेटी हमारी बेटी है।'

क्यों बरपा है हंगामा?

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के जरिए मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के संसद से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है। यानी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में 31 अक्टूबर 2019 को भारत के नक्शे पर दिखाई देंगे। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। अविभाजित जम्मू-कश्मीर अब तक राज्य की हैसियत से था, लेकिन अब उसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पड़ेगा। जबकि जम्मू-कश्मीर से अलग किए गए लद्दाख को करगिल के साथ मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।

 

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