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शिवसेना को सरकार गठन के लिए और समय देने से राज्यपाल का इनकार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशों के बीच शिवसेना को झटका लगा है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने...
शिवसेना को सरकार गठन के लिए और समय देने से राज्यपाल का इनकार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कोशिशों के बीच शिवसेना को झटका लगा है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को और समय देने से इनकार कर दिया है। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, 'हमने राज्यपाल से कम से कम दो दिन का समय मांगा, लेकिन हमें समय नहीं दिया गया। हालाकि हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।' वहीं, राज्यपाल कार्यालय की ओर से कहा गया है कि शिवसेना अपेक्षित समर्थन पत्र पेश करने में असमर्थ रही।

पत्रकारों को संबोधित करते हुुए आदित्य ठाकरे ने कहा, 'हमारा दावा खारिज नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल को बताया कि हम सरकार बनाना चाहते हैं। हम राज्य में सरकार बनाने के प्रयासों में लगे रहेंगे।' शाम सात बजे शिवसेना नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की। उनके साथ एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई भी थे।

शिवसेना पेश नहीं कर पाई समर्थन पत्रः राज्यपाल

राज्यपाल कार्यालय की ओर से कहा गया है कि शिवसेना के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर सरकार बनाने की इच्छा व्यक्त की लेकिन वह अपेक्षित समर्थन पत्र पेश नहीं कर सकी। शिवसेना ने समर्थन पत्र के लिए और तीन दिन का समय मांगा, जिस पर राज्यपाल ने असमर्थता जताई।

कांग्रेस का रुख साफ नहीं

वहीं, दूसरी तऱफ समर्थन देने पर कांग्रेस ने अभी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। सोनिया गांधी के साथ वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है और सोनिया गांधी एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत कर आगे कोई फैसला लेगी। शिवसेना को समर्थन के फैसले पर विचार के लिए सोनिया गांधी के साथ दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस के दिग्गज नेताओं समेत अहमद पटेल और एके एंटनी जैसे वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी सीधे फोन पर सोनिया गांधी से बात की। 

शरद पवार से की ठाकरे ने मुलाकात

इससे पहले एनसीपी ने कोर कमेटी की बैठक के बाद कहा था कि हमारे विधायक सरकार बनाने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस के बगैर कोई फैसला नहीं लेंगे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कहा कि कांग्रेस से बातचीत के बाद ही इस पर फैसला लेंगे। वहीं, उद्धव ठाकरे ने शरद पवार से मुलाकात भी की जिसमें न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई।

शिवसेना के मंत्री ने दिया इस्तीफा

भाजपा ने रविवार को सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता मिला। एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए उसके एनडीए से अलग होने की शर्त रखी है। इसके बाद मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।

एनसीपी ने रखी थी ये शर्त

भाजपा ने रविवार को सरकार बनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता मिला। एनसीपी और कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने के लिए उसके एनडीए से अलग होने की शर्त रखी है। इसके बाद मोदी सरकार में शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।

288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जबकि एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को सदन पटल पर 145 विधायकों का समर्थन साबित करना होगा।

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