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महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की खबर, पार्टी और परिवार ने किया इनकार

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को अभी पांच ही दिन हुए है कि इस बीच...
महाराष्ट्र में शिवसेना के मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की खबर, पार्टी और परिवार ने किया इनकार

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को अभी पांच ही दिन हुए है कि इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने उनकी ही पार्टी से नई चुनौती खड़ी हो गई है।  बताया जा रहा है कि शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार ने राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की पुरानी सरकार में मंत्री और औरंगाबाद जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके सत्तार कैबिनेट मंत्रीपद न मिलने की वजह से वह अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं।हालांकि शिवसेना और उनके परिवार ने अब्दुल सत्तार के राज्यमंत्री पद से इस्तीफे की खबर का खंडन किया है। बता दें कि अब्दुल सत्तार ने 30 दिसंबर को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में राज्य मंत्री पद की शपथ ली थी।

पार्टी और परिवार ने किया इस खबर का खंडन

शिवसेना के राज्यसभा सांसद अनिल देसाई ने न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस से कहा कि शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार के राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की बात सही नहीं है। उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, न ही मुझे या पार्टी के किसी अन्य व्यक्ति को इस्तीफा पत्र सौंपा है। वहीं, स्थानीय मीडिया से बात करते हुए औरंगाबाद जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके अब्दुल सत्तार के बेटे समीर नबी ने भी इन खबरों का खंडन किया और कहा कि वह अधिक जानकारी के लिए अपने पिता से मिलने की कोशिश कर रहे हैं।

जानें सत्तार के इस्तीफे पर क्या बोले संजय राउत

 

अब्दुल सत्तार नाखुश हैं और उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, मीडिया के इस सवाल पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी ने रिपोर्ट दी कि कैबिनेट में कोई मतभेद नहीं हैं। यदि कुछ मंत्री इस्तीफा देते हैं तो सामान्य रूप से इस्तीफा सीएम या राजभवन को भेज दिया जाता है, लेकिन दोनों के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

30 दिसंबर को हुआ था मंत्रिमंडल का विस्तार 

 महाराष्ट्र में 30 दिसंबर को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही मंत्री पद की कलह खुलकर सामने आने लगी। कोई मंत्री न बनाए जाने से नाराज है तो कोई कैबिनेट मंत्री का पद न मिलने के कारण अपनी नाराजगी जाहिर कर रहा है। माना जा रहा है कि इसमें नया नाम अब्दुल सत्तार का भी जुड़ गया है। शिवसेना के एकमात्र मुस्लिम मंत्री अदुब्ल सत्तार कैबिनेट मंत्री का पद चाह रहे थे। मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें राज्यमंत्री का पद दिया गया। कहा जा रहा है कि यही वजह है कि उन्होंने नाराज होकर अपना इस्तीफा देने की बात कही है।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से शिवसेना में शामिल हुए थे सत्तार

 

बता दें कि अब्दुल सत्तार कांग्रेस में थे और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से शिवसेना में शामिल हुए थे। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से नाराज होकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। मराठवाड़ा में औरंगाबाद के जमीनी नेता के तौर पर अब्दुल सत्तार की पहचान है। इन दिनों महाराष्ट्र में जिला परिषद के चुनाव चल रहे हैं और जिला परिषद अध्यक्ष पद पर अब्दुल सत्तार अपने उम्मीदवार को जिताना चाहते हैं, जबकि महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों शामिल हैं ने यह तय किया है कि जिला परिषद अध्यक्ष कांग्रेस का बनाया जाए। इस बात से भी अब्दुल सत्तार नाराज हैं।

 

कौन हैं अब्दुल सत्तार

अब्दुल सत्तार महाराष्ट्र के सिल्लौड़ से विधायक हैं। 2019 में वह कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए थे। 2014 में महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार में मंत्री बने। उन्हें उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता है। 2001 में पहली बार विधायक चुने गए। वह सिल्लौड़ के मेयर भी रह चुके हैं।

 

 

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