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सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू, पांच साल पूरे करेंगे: शरद पवार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी में हलचल तेज है। इस बीच एनसीपी प्रमुख...
सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू, पांच साल पूरे करेंगे: शरद पवार

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी में हलचल तेज है। इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनेगी और वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना से इनकार किया। बता दें कि प्रदेश में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है।

उन्होंने कहा कि तीनों दल एक स्थिर सरकार बनाना चाहते हैं जो विकासोन्मुखी होगी। पवार ने कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई संभावना नहीं है। यह सरकार बनेगी और पांच साल पूरे होंगे। हम सभी यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सरकार पांच साल तक चले।

क्या भाजपा एनसीपी से चर्चा कर रही है?

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा राज्य में सरकार बनाने को लेकर एनसीपी के साथ चर्चा कर रही है, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी केवल शिवसेना, कांग्रेस और उसके सहयोगियों के साथ बातचीत कर रही है और किसी से नहीं।

उन्होंने कहा कि तीनों दल फिलहाल न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को लेकर काम कर रहे हैं । राज्य में सरकार की योजना बनाई जा रही है। तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को मुंबई में बैठक की और एक सीएमपी का मसौदा तैयार किया।

फडणवीस पर कटाक्ष

पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की टिप्पणी पर भी कटाक्ष किया। फडणवीस ने कहा था कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार छह महीने से ज्यादा नहीं टिकेगी। पवार ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं देवेंद्र जी को कुछ सालों से जानता हूं। लेकिन मुझे पता नहीं था वह ज्योतिष का छात्र है।” पवार ने फडणवीस के ‘मैं फिर आऊंगा’ की टिप्पणी पर भी चुटकी ली।

हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना का समर्थन?

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना का समर्थन करेगी, पवार ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी ने गुरुवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं के साथ सीएमपी पर चर्चा के लिए बैठक की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के रास्ते धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं। मैं (गुरुवार की बैठक में) वहां नहीं था, मेरे सहयोगी वहां थे। मुझे पता चल जाएगा कि क्या चर्चा हुई। लेकिन यह सच है, कांग्रेस या राकांपा हमेशा धर्मनिरपेक्षता की बात करती है। उन्होंने कहा, “हम इस्लाम, हिंदू धर्म या बौद्ध धर्म के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन हम वो लोग हैं जो धर्मनिरपेक्षता पर जोर देते हैं जब सरकार चलाने की बात आती है। मुझे नहीं पता कि इस मुद्दे पर हमारे सहयोगियों के बीच क्या चर्चा हुई थी।”

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि वह केंद्र के समक्ष किसानों की सहायता का मुद्दा उठाएंगे।

महाराष्ट्र के हितों को ध्यान में रखा जाएगा: शिवसेना

इससे पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि साझा कार्यक्रम में महाराष्ट्र के हितों को ध्यान में रखा जाएगा। पूरे पांच साल शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा। वहीं, राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि शिवसेना के साथ आने में कांग्रेस कुछ हिचकिचा रही है। ड्राफ्ट की कॉपी सोनिया गांधी को भेजी है, अगर कांग्रेस साथ नहीं आई तो सरकार नहीं बनाएंगे।

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