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वायनाड में 40 फीसदी मुसलमान, इसलिए वहां से जीते राहुल गांधीः ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि...
वायनाड में 40 फीसदी मुसलमान, इसलिए वहां से जीते राहुल गांधीः ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि वायनाड से राहुल गांधी को जीत इसलिए मिली, क्योंकि वहां पर 40 फीसदी मुसलमान हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि वह देश में मुसलमानों के लिए जगह चाहते हैं, लेकिन वह यह नहीं जानते कि मुस्लिम समुदाय किसी की भीख पर जिंदा नहीं है।

बता दें कि राहुल गांधी ने वायनाड में 4,31,770 वोटों से जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी सीपीएम के पीपी सुनीर को मात दिया। सुनीर ने 2,74,597 वोट हासिल किए। राहुल गांधी को 7,06,367 वोट मिले थे।हालांकि अपनी दूसरी पारंपरिक सीट अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

हमें इस देश में अपना हक मिलेगा, हमें भीख नहीं चाहिए

तेलंगाना के हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने एक जनसभा में कहा कि 15 अगस्त, 1947 को जब देश आजाद हुआ तो हमारे बुजुर्गों ने सोचा था कि यह एक नया भारत होगा। यह भारत आजाद, गांधी, नेहरू, आंबेडकर और उनके करोड़ों अनुयायियों का होगा। उन्होंने कहा, 'मुझे अभी भी उम्मीद है कि हमें इस देश में अपना हक मिलेगा। हमें भीख नहीं चाहिए, हम आपकी भीख पर जिंदा नहीं रहना चाहते।'

बीजेपी क्षेत्रीय पार्टियों से हारी है, कांग्रेस से नहीं

ओवैसी ने कहा, 'आप कांग्रेस और दूसरी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां छोड़ना नहीं चाहते लेकिन याद रहे कि उनके पास ताकत और सोच नहीं है, वे कठिन परिश्रम भी नहीं करते।' ओवैसी ने सवाल किया, बीजेपी कहां हारी है? फिर इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पंजाब में बीजेपी हारी है। वहां कौन है? पंजाब में सिख ज्यादा हैं। देश में बीजेपी को और कहां हार मिली? बीजेपी क्षेत्रीय पार्टियों से हारी है, कांग्रेस से नहीं।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद अपने गढ़ अमेठी से चुनाव हार गए

हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद अपने गढ़ अमेठी से चुनाव हार गए। वह वायनाड से चुनाव जीते। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी वायनाड से इसलिए जीते, क्योंकि वहां 40 फीसदी मुसलमान हैं।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली मात्र 52 सीटें

कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार मिली है। पार्टी महज 52 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूपीए को 91 सीटों पर जीत हासिल हुई है। सदन में कांग्रेस विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने में भी फेल हो गई। विपक्षी पार्टी बनने के लिए कुल सीटों की 10 प्रतिशत सीटें चाहिए होती हैं। मतलब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए राहुल गांधी की पार्टी को 55 सीटें चाहिए थीं। इसके अलावा इन चुनावों में भी 'मोदी मैजिक' बरकरार रहा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को 303 सीटों पर जीत मिली। वहीं एनडीए को 353 सीटें मिलीं।

कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी की बड़ी हार

कांग्रेस का गढ़ रहा अमेठी में भी राहुल गांधी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। यहा भाजपा नेता स्मृति से ईरानी ने राहुल को पस्त किया। दोनों के बीच काफी वोटों को अंतर रहा। कांग्रेस पार्टी को इतनी कम सीटें मिली है कि पार्टी फिलहाल, सदन में विपक्ष का दर्जा हासिल करने में नाकाम रही। विपक्षी पार्टी बनने के लिए विपक्षी पार्टी को कुल 10 प्रतिशत सीटें चाहिए होती हैं। ऐसे में राहुल गांधी को प्रतिपक्ष का नेता बनने के लिए 55 सीटें चाहिए थीं।

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