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झूठ, जहर, नफरत से भरा था PM मोदी का लोकसभा चुनाव अभियान जिसने लोगों को बांटा: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को अपने केरल दौरे के दूसरे दिन संसदीय क्षेत्र वायनाड में रोड...
झूठ, जहर, नफरत से भरा था PM मोदी का लोकसभा चुनाव अभियान जिसने लोगों को बांटा: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को अपने केरल दौरे के दूसरे दिन संसदीय क्षेत्र वायनाड में रोड शो किया। रोड शो के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने कलपेट्टा रैली को संबोधित करते हुए एक बार पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का लोकसभा चुनाव अभियान झूठ, जहर, नफरत से भरा था और इसने लोगों को विभाजित किया है। बता दें कि राहुल गांधी मतदाताओं का आभार जताने के लिए तीन दिवसीय केरल दौरे पर हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर हम जहर से लड़ रहे हैं: राहुल गांधी

कलपेट्टा रैली में शनिवार को राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी देश की सबसे खराब भावना गुस्सा, झूठ और असहिष्णुता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हम जहर से लड़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी जहर का उपयोग करते हैं। राहुल ने कहा, ‘मैं एक मजबूत शब्द का उपयोग कर रहा हूं लेकिन नरेंद्र मोदी इस देश को विभाजित करने के लिए घृणा के जहर का उपयोग करते हैं। वह इस देश के लोगों को विभाजित करने के लिए क्रोध और घृणा का उपयोग करते हैं। वह चुनाव जीतने के लिए झूठ का इस्तेमाल करते हैं।

उन्होंने कहा, 'भले ही मैं कांग्रेस पार्टी से संबंध रखता हूं, लेकिन वायनाड के हर एक नागरिक के लिए हमारे दरवाजे खुले रहेंगे, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो, चाहे वे जिस भी विचारधारा से आए हों'।

 

इससे पहले भी शुक्रवार को अपनी यात्रा के पहले ही दिन कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा था उन्होंने कहा था कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पार्टी से हैं। आपने मुझे जो समर्थन दिया, वो अद्वितीय है।

'मौजूदा सरकार और नरेंद्र मोदी देश में नफरत फैला रही है

राहुल ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, 'मौजूदा सरकार और नरेंद्र मोदी देश में नफरत फैला रही है। कांग्रेस जानती है और समझती है कि नफरत से निपटने का एकमात्र रास्ता प्यार है। हम देश में कमजोरों को मोदी की नीतियों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं आपका प्रतिनिधित्व करने और बेहतर वायनाड बनाने के लिए तैयार हूं। वायनाड के हर व्यक्ति के लिए मेरे घर के दरवाजे खुले हैं।'

पूरे केरल के नागरिकों से जुड़े मुद्दों को आवाज दूं

इससे पहले राहुल ने मल्लापुरम में रोड शो के बाद जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं केरल का सांसद हूं। यह मेरी जिम्मेदारी है कि न सिर्फ वायनाड बल्कि पूरे केरल के नागरिकों से जुड़े मुद्दों को आवाज दूं। वायनाड के लोगों की आवाज सुनना और उनकी आवाज बनना मेरा कर्तव्य है। आप सभी के प्रेम और स्नेह का धन्यवाद, जो आपने मेरे लिए दिखाया।

राहुल ने केरल और उप्र से लड़ा था चुनाव

राहुल ने केरल और उत्तरप्रदेश की दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। अमेठी में उन्हें स्मृति ईरानी से हार मिली, जबकि वायनाड में राहुल 4 लाख 31 हजार से ज्यादा वोट से जीते थे। वायनाड से जीतने के बाद राहुल का केरल का यह पहला दौरा है। वे रविवार तक केरल में अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। 

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली मात्र 52 सीटें

कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार मिली है। पार्टी महज 52 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूपीए को 91 सीटों पर जीत हासिल हुई है। सदन में कांग्रेस विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने में भी फेल हो गई। विपक्षी पार्टी बनने के लिए कुल सीटों की 10 प्रतिशत सीटें चाहिए होती हैं। मतलब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए राहुल गांधी की पार्टी को 55 सीटें चाहिए थीं। इसके अलावा इन चुनावों में भी 'मोदी मैजिक' बरकरार रहा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को 303 सीटों पर जीत मिली। वहीं एनडीए को 353 सीटें मिलीं।

राहुल ने केरल के मुख्यमंत्री को लिखा था लेटर

इससे पहले राहुल गांधी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को एक किसान द्वारा आत्महत्या करने के बाद चिट्ठी लिखी थी, जिसमें कहा था कि किसान की आत्महत्या से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार से इसकी जांच करने और परिवार को वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए कहा था। गांधी ने पत्र में लिखा था कि अकेला ऐसा मामला नहीं है। वायनाड में किसानों द्वारा ऋण का भुगतान नहीं कर पाने के चलते आत्महत्या की कई घटनाएं हुई हैं।

कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी की बड़ी हार

कांग्रेस का गढ़ रहा अमेठी में भी राहुल गांधी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। यहा भाजपा नेता स्मृति से ईरानी ने राहुल को पस्त किया। दोनों के बीच काफी वोटों को अंतर रहा। कांग्रेस पार्टी को इतनी कम सीटें मिली है कि पार्टी फिलहाल, सदन में विपक्ष का दर्जा हासिल करने में नाकाम रही। विपक्षी पार्टी बनने के लिए विपक्षी पार्टी को कुल 10 प्रतिशत सीटें चाहिए होती हैं। ऐसे में राहुल गांधी को प्रतिपक्ष का नेता बनने के लिए 55 सीटें चाहिए थीं।

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