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प्रवासी मजदूरों से मिले राहुल गांधी, कांग्रेस का दावा दिल्ली पुलिस ने उन मजदूरों को हिरासत में लिया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास प्रवासी...
प्रवासी मजदूरों से मिले राहुल गांधी, कांग्रेस का दावा दिल्ली पुलिस ने उन मजदूरों को हिरासत में लिया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली के सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की और फुटपाथ पर बैठकर उनसे समस्याओं के बारे में पूछा।  वहीं, कांग्रेस ने दावा किया कि इसके बाद पुलिस ने मजदूरों को यह कहते हुए हिरासत में ले लिया कि उन्हें 'ऊपर से' ऐसा करने का निर्देश है। इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, “ये मजदूर राहुल गांधी से मिल भी नहीं सकते। उन्हें हिरासत में लेने की वजह क्या है। वे राहुल गांधी से यह भी नहीं कह सकते कि सरकार ने अब तक उनके लिए कुछ नहीं किया।” हालांकि कांग्रेस के इस दावे पर दिल्ली पुलिस ने कोई बयान नहीं दिया है।

कांग्रेस ने मजदूरों को घर भिजवाने का इंतजाम किया

सूत्रों ने बताया कि राहुल 20 प्रवासी मजदूरों के दल से मिले। ये अंबाला से झांसी जा रहे थे। राहुल गांधी ने मजदूरों के साथ बातचीत के दौरान सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखा। एक मजदूर मुकेश कुमार ने कहा, ''राहुल गांधी ने पूछा कि कहां जाना है, मैंने कहा गांव जाना है, पता बता दिया। इस पर उन्होंने कहा कि ठीक है, व्यवस्था करके, वहां तक छोड़ देंगे। हम रास्ते में चले जा रहे थे, वे अचानक आ गए।" बाद में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी समेत कई पार्टी कार्यकर्ता वहां पहुंचे और मजदूरों को उनके घर जाने में मदद की। चौधरी ने बताया कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने इन मजदूरों के लिए आठ-दस गाड़ियों का इंतजाम किया।

प्रियंका का ट्वीट, ये हमारे अपने लोग हैं, इनकी पीड़ा को साझा करना होगा

इस मुलाकात पर कांग्रेस ने ट्वीट किया कि लोगों के दर्द को केवल वही नेता समझ सकते हैं जो उनका ध्यान रखते हैं। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, “ये हमारे अपने लोग हैं। इनके साथ बैठकर बात करनी होगी। इनकी पीड़ा को साझा करना होगा। ये राष्ट्र निर्माता हैं। संकट के समय हम इनको अकेला नहीं छोड़ सकते।”

लॉकडाउन सावधानी से खोलने  की जरूरत

इससे पहले राहुल गांधी ने कोरोना वायरस महामारी में मुसीबत का सामना कर रहे गरीबों, किसानों और मजदूरों तक ‘न्याय’ योजना की तर्ज पर मदद पहुंचाने की मांग की। उन्होंने केद्र सरकार से आग्रह किया कि वह आर्थिक पैकेज पर पुनर्विचार करें और सीधे लोगों के खातों में पैसे डाले। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को समझदारी और सावधानी के साथ खोलने की जरूरत है। बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अर्थव्यवस्था में आने वाले तूफान का मुकाबला करने की तैयारी रखनी चाहिए।

गरीबों को कर्ज नहीं, पैसा चाहिए

सरकार की तरफ से जारी राहत पैकेज पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि आज किसानों, मजदूरों और गरीबों के खाते में सीधे पैसे डालने की जरूरत है। सरकार को साहूकार की तरह काम नहीं करना चाहिए, सीधे उनकी जेब में पैसा देना चाहिए। इस समय गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की जरूरत नहीं, पैसे की जरूरत है।

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