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राफेल डील पर बोले सिब्बल, पीएम अपना नारा बदल दें,- 'न बताऊंगा और न बताने दूंगा'

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री  कपिल सिब्बल ने राफेल मामले पर भाजपा पर निशाना साधा है।...
राफेल डील पर बोले सिब्बल, पीएम अपना नारा बदल दें,- 'न बताऊंगा और न बताने दूंगा'

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री  कपिल सिब्बल ने राफेल मामले पर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'मनोहर पर्रिकर, अरुण जेटली और निर्मला सीतारमण जैसे नेताओं को भी पीएम मोदी की नई डील की घोषणा की जानकारी नहीं थी। इस डील की जानकारी केवल दो लोग जानते थे, एक फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और दूसरा पीएम मोदी।' उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुप्पी साध ली है। उन्हें अपना नारा बदल देना चाहिए कि ‘मैं न बताऊंगा, न बताने दूंगा।’

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि 10 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री ने 36 राफेल खरीदने की घोषणा कर दी। अब फ्रांस्वां ओलान्द कहते हैं कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। केवल दो लोगों को पता था कि फ्रांस्वां ओलान्द को मोदी जी ने क्या कहा। एक फ्रांस्वां ओलान्द और दूसरे नरेन्द्र मोदी जी। 28 मार्च 2015 को रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को शामिल किया गया था। 25 मार्च 2015 को इरिक ट्रैपियर ने ने एचएएल के साथ अनुबंध को अंतिम रूप दिया था। 11 मार्च 2015 को एचएएल और डिसॉल्ट ने कहा कि एचएएल और उसके द्वारा निर्मित राफेल के कुछ हिस्सों की संबंधित कंपनियों द्वारा गारंटी दी जाएगी।

किसके फायदे के लिए बदली डील

सिब्बल ने कहा कि 8 अप्रैल 2015 को भारत के विदेश सचिव ने कहा कि राफेल डील का उस समय जिक्र नहीं था जब पीएम मोदी 10 अप्रैल 2015 को फ्रांस गए थे लेकिन पीएम ने 36 राफेल एयरक्राफ्ट डील की घोषणा कर दी। इसके बारे में किसी को नहीं पता था। भाजपा कहती है कि राफेल डील पर इंटरनेशल साजिश की जा रही है लेकिन डील के समय पीएम मोदी पेरिस में थे, कांग्रेस वहां नहीं थी, फिर साजिश कौन कर रहा है? प्रधानमंत्री बताएं कि 10 अप्रैल को उन्होंने क्यों डील बदली और किसके फायदे के लिये बदली। जून, 2106 में इन्होंने रक्षा क्षेत्र में नीति बदल दी और कहा कि 49 फीसदी एफडीआई हो सकता है। अगर हिंदुस्तान सुरक्षित रखना है तो हमें लड़ाकू विमानों की जरुरत है। और हमें 126 लड़ाकू विमानों की जरुरत है 36 की नहीं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार आईएसआई को पठानकोट में मोदी जी ने बुलाया था।

अब फैसला जनता की अदालत करेगी

उन्होंने कहा कि मोदी जी आने वाले भाषणों में कुछ स्पष्टीकरण दें कि एचएएल को किनारे रखने में आपको क्या फायदा हुआ या किसी और को कोई फायदा हुआ हो। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपना नारा बदल देना चाहिए कि मैं न बताऊंगा, न बताने दूंगा। पीएम मोदी चुप इसलिए हैं क्योंकि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। अगर वह मुंह खोले भी तो क्या बोलें? इसलिए चुप हैं। जिस एचएएल ने कई सारे विमान बनाए उसे निर्मला सीतारमण ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इन विमानों को बनाने में वह सक्षम नहीं है। भाजपा के पास इस घोटाले का कोई जवाब नहीं है। जब चोर चोरी करता है तो पकड़ा ही जाता है और ये जनता की अदालत अब तय करेगी। क्योंकि इनके पास कोई जवाब नहीं है।

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