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पुडुचेरी में मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच गतिरोध, धरने पर नारायणसामी

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी चलती रहती है। एक बार फिर वहां की...
पुडुचेरी में मुख्यमंत्री-उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच गतिरोध, धरने पर नारायणसामी

केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी चलती रहती है। एक बार फिर वहां की कांग्रेस सरकार और उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच गतिरोध शुरू हो गया है। जिसके बाद मुख्यमंत्री नारायणसामी ने अपने मंत्रियों के साथ राज निवास के सामने रात बिताई।

राजभवन के बाहर धरने पर बैठे मुख्यमंत्री नारायणसामी ने एलजी किरण बेदी पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उनका आरोप है कि वो सरकार की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में भी हस्तक्षेप कर रही हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि उन्हें कोई शक्ति नहीं है, उन्हें केवल एक पोस्ट ऑफिस के तौर पर होना चाहिए, जिसे मंत्रिपरिषद द्वारा भेजा गया है, उन्हें कैबिनेट के फैसलों को छूने का कोई अधिकार नहीं है, वह फैसले को वीटो कर रही हैं।” सामी ने केन्द्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी सरकार के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए उन्हें पीएम द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।

क्यों हो रहा है विवाद?

किरण बेदी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और उनकी सरकार की मांग है कि केंद्र सरकार किरण बेदी को वापस बुलाए। मुख्यमंत्री पुडुचेरी में हेल्मेट संबंधी नियमों को लागू किए जाने के तरीके का विरोध कर रहे हैं और केंद्र सरकार से उनकी मांग है कि इस फैसले को भी वापस लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है, 'उप-राज्यपाल के सामने 39 मुद्दे उठाए गए हैं और उन्हें तत्काल हल करने की मांग की गई है। क्षेत्र के विकास और लोगों के लिए जरूरी इन मुद्दों पर अबतक कोई जवाब नहीं मिला है, ऐसे में मैं , मेरे मंत्री और विधायक राज निवास के सामने पुडुचेरी के लोगों के लिए धरने पर बैठे हैं।'

उपराज्यपाल ने लिखा सामी को पत्र

इस मामले पर किरण बेदी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है, 'आपको अपने पत्र का उत्तर मिलने का इंतजार करना चाहिए था लेकिन आप गैरकानूनी तरीके से राज निवास में जवाब मांगने चले आए। आप जिस पद पर हैं, उसके लिए यह तरीका सही नहीं है। आपने पत्र में जो भी मुद्दे लिखे हैं, उनपर विचार करने के बाद जवाब दिया जा सकता है। आपने यह भी जिक्र नहीं किया था कि यदि आपको जवाब नहीं मिलता है तो आप अपने साथियों के साथ धरने पर बैठ जाएंगे। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि 21 फरवरी को विस्तृत चर्चा के लिए आइए।'

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