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प्रियंका गांधी ने साधा यूपी सरकार पर निशाना, कहा- बदले की तरह काम कर रही है पुलिस

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को यूपी की...
प्रियंका गांधी ने साधा यूपी सरकार पर निशाना, कहा- बदले की तरह काम कर रही है पुलिस

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को यूपी की योगी आदित्‍यनाथ सरकार और यूपी पुलिस पर ज‍मकर हमला बोला। उन्‍होंने आरोप लगाया कि यूपी पुलिस और प्रशासन सीएम के बदला लेने के बयान के आधार पर कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में राज्य में सीएए और एनआरसी के दौरान यूपी पुलिस के  "गैरकानूनी आचरण" की न्यायिक जांच की मांग की।

लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों को धमकाया जा रहा है। 77 साल के पूर्व आईपीएस दारापुरी को उनके घर से पकड़ा गया। उनका नाम 48 लोगों की सूची में है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम ने बयान दिया था कि वो बदला लेंगे, उसी बयान पर प्रशासन और पुलिस चल रही है। 

'देश में हिंसा और बदले की जगह नहीं'

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मेरे ख्याल से इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ होगा कि एक मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान दिया है कि जनता के खिलाफ बदला लिया जाएगा। यूपी के मुख्यमंत्री ने योगी के वस्त्र धारण किए हैं। भगवा धारण किया है, यह भगवा आपका नहीं है। यह भगवा हिंदुस्तान की धार्मिक, आध्यात्मकि परंपरा का है। हिंदू धर्म का चिह्न है, उस धर्म को धारण कीजिए। उस धर्म में हिंसा, रंच और बदले की भावना की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कृष्ण भगवान का देश है। भगवान राम करुणा के प्रतीक हैं। शिव जी की बारात में सब नाचते हैं। इस देश की आत्मा में हिंसा, बदला और रंच की जगह नहीं है। 

'पुलिस-प्रशासन का गैर-कानूनी रवैया'

उन्होंने कहा कि हमने राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल से इसकी शिकायत की। पिछले दिनों फैली अराजकता के बाद यूपी सरकार, प्रशासन और पुलिस ऐसे कदम उठा रही है, जिनका कोई कानूनी आधार नहीं है। हमने इसी बारे में राज्यपाल को ज्ञापन सौपा है। इसमें पुलिसिया उत्पीड़न के कई उदाहरण भी दिए हैं।14 पन्नों के ज्ञापन पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने हस्ताक्षर किए हैं।

उन्होंने कहा कि पहले स्पष्ट होना चाहिए कि हिंसा किसने की?  पहले जांच होनी चाहिए। बगैर जांच के कार्रवाई कैसे हो सकती है। बिना जांच के आप ऐसे ऐक्शन कैसे ले सकते हैं, जो सरकार ले रही है।

'सभी को प्रताड़ित करेगा यह कानून'

उन्होंने भाजपा की ओर से जागरुकता अभियान शुरू करने के बारे में कहा कि यह जागरूकता अभियान नहीं है, झूठों का अभियान है। इनकी सच्चाई सभी ने देखी है। सीएए संविधान के खिलाफ है। इससे सभी को आपत्ति होगी, जो गरीब है, श्रमिक है, आप उससे कागजात मांगेंगे। कहां से निकालेगा? जिस तरह से नोटबंदी ने सभी को प्रताड़ित किया, उसी तरह से यह भी कानून प्रताड़ित करेगा। आज तमाम छात्र सड़क पर हैं। पढ़े लिखे बच्चे हैं, वह समझते हैं कि क्या हो रहा है।

कांग्रेस शासित राज्यों में लागू नहीं होगा एनआरसी

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वैध नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है एनआरसी। एनआरसी से वैध प्रमाण पत्र का कोई ताल्लुक नहीं है। ये बहाना है एनआरसी को लागू करने का। वैसे भी कांग्रेस के सभी सीएम ने कहा है कि एनआरसी उनके राज्यों में लागू नहीं होगा। दूसरी पार्टियों ने भी ऐसा ऐलान किया है। इसलिए यह लागू हो ही नहीं सकता, जनता इसे लागू नहीं होने देगी।

'मेरा सुरक्षा का मुद्दा छोटा है'

सीआरपीएफ के बयान पर उन्‍होंने कहा कि प्रदेश की समस्‍याओं के सामने मेरी सुरक्षा का मुद्दा बहुत छोटा है। मेरी सुरक्षा से जनता का लेना-देना नहीं है। इसकी चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है। आज हम राज्य के लोगों की सुरक्षा का मुद्दा उठा रहे हैं। राज्य सरकार और राज्य पुलिस ने कई कदम उठाए हैं, जो कानूनी नहीं हैं और जिससे अराजकता पैदा हुई है। बता दें कि सीआरपीएफ ने सुरक्षा में कोई चूक की बात न कहते हुए प्रियंका गांधी पर उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

ये हैं कांग्रेस की मांगें

-गृह विभाग और डीजीपी की ओर से तुरंत आदेश जारी किया जाए कि पुलिस और सरकार द्वारा की जा रही हिंसात्मक गैरकानूनी और आपराधिक कार्यवाही को तुरंत रोका जाए।

- मौजूदा या सेवानिवृत्त हाईकोर्ट की जज की निगरानी में शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लगाए गए मुकदमों की सत्यता और वैधता के लिए तत्काल निष्पक्ष जांच का आदेश दिए जाएं।

- न्यायिक प्रक्रिया पूरी किए बिना संपत्ति सील करने, जब्त करने और अन्य दंडात्मक कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाई जाए।

- शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे निर्दोष छात्रों पर किसी तरह की एकेडमिक और कानूनी कार्यवाही नहीं की जाए।

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