कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर लोकसभा में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करने को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि उनके पास अपनी ‘‘विफलताओं’’ का कोई जवाब नहीं है तथा वह ध्यान भटकाने एवं बातों को तोड़-मरोड़कर पेश करने एवं लोगों को बदनाम करने का रास्ता चुनते हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि मंगलवार लोकसभा में, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री दोनों ने एक बार फिर दिखाया कि जवाहरलाल नेहरू के मामले में वे ‘‘ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर’’ (मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार) से पीड़ित हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘संभव है कि आज राज्यसभा में भी यही देखने को मिले।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पास अपनी वर्तमान विफलताओं का कोई जवाब नहीं है। उनकी नीतियों और कार्यों पर उठाए जा रहे जायज़ सवालों के उनके पास कोई जवाब नहीं है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सार्थक चर्चा में शामिल होने के बजाय, वे बात को भटकाते हैं, ध्यान भटकाते हैं, विकृत करते हैं और लोगों को बदनाम करते हैं।
लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा था कि जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने अक्साई चीन का 38,000 किलोमीटर से ज़्यादा क्षेत्र गंवा दिया था।
उन्होंने सिंधु जल संधि समझौते की आलोचना की थी और कहा था कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने ‘‘बड़ी भूल’’ की थी।
मोदी ने कहा था, ‘‘‘‘आज जो लोग पूछ रहे हैं कि पीओके को वापस क्यों नहीं लिया, उन्हें सबसे पहले इस सवाल का जवाब देना होगा कि किसकी सरकार ने इस क्षेत्र पर पाकिस्तान को कब्जा करने का अवसर दिया था?’’
शाह ने आरोप लगाया था कि पीओके का अस्तित्व पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कारण है और पाकिस्तान ‘कांग्रेस की भूल’ है।