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मोदी सरकार 2.0: नीति आयोग की पहली बैठक जारी, ममता और केसीआर नहीं हुए शामिल

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के तहत नीति आयोग की पहली बैठक आज यानी शनिवार को हो रही है। पीएम मोदी की...
मोदी सरकार 2.0: नीति आयोग की पहली बैठक जारी, ममता और केसीआर नहीं हुए शामिल

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के तहत नीति आयोग की पहली बैठक आज यानी शनिवार को हो रही है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल शामिल हुए। हालांकि इन दिनों बीजेपी से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुईं। ममता के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी इस बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। पिछले दिनों ही सीएम ममता बनर्जी ने एक लेटर लिखकर नीति आयोग की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था।।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था कि नीति आयोग के पास राज्यों की मदद के लिए वित्तीय शक्ति नहीं है। लिहाजा उसकी बैठक में हिस्सा लेने का कोई फायदा नहीं है। वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने साफ कर दिया कि वो विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करेंगे और इसके लिए वो पहले गृह मंत्री अमित शाह से मिल चुके हैं।

बैठक से पहले अमित शाह से मिले थे जगन मोहन रेड्डी

आयोग की बैठक से पहले आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई। वहीं, मीटिंग में सीएम नीतीश कुमार भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठा सकते हैं, नीतीश कुमार कई सालों से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते रहे हैं।

अपने-अपने राज्यों की जरूरतों को लेकर घेरेंगे कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री

कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मोदी सरकार को अपने-अपने राज्यों की जरूरतों को लेकर घेरेंगे। इसकी रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार शाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों को डिनर पर बुलाया था।

बैठक में इन एजेंडों पर होगी बात

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का एजेंडा तय हो चुका है, जिसमें जल प्रबंधन, कृषि और सुरक्षा पर बात होगी। नक्सलवाद के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। नीति आयोग की बैठक राष्ट्रपति भवन में होगी। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में वित्त, गृह, रक्षा, कृषि, वाणिज्य और ग्रामीण विकास के मंत्री मौजूद रहेंगे। इसके अलावा नीती आयोग के उपाध्यक्ष, सीईओ और सदस्य भी इस बैठक में शामिल रहेंगे।

5 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा की जाएगी

पूरी बैठक में 5 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा की जाएगी। इस एजेंडे में महत्वाकांक्षी जिला स्तरीय कार्यक्रमों, खेती किसानी में क्रांति, सुरक्षा संबंधित मुद्दे और वामपंथी उग्रवाद की चपेट में आए जिलों पर चर्चा की जाएगी। लेफ्ट विंग चरमपंथी ग्रुप अभी भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।

पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में आने से ममता ने किया था इनकार

इससे पहले ममता बीजेपी पर शपथ ग्रहण में सियासत का आरोप लगाते हुए पीएम के शपथग्रहण समारोह का हिस्सा नहीं बनी थीं। पत्र में ममता ने लिखा था, 'नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी आपको बधाई! 'संवैधानिक आमंत्रण' पर मैंने शपथ ग्रहण में शामिल होने का फैसला किया था। हालांकि, पिछले कुछ घंटे में मीडिया रिपोर्ट में मैंने देखा कि बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल में 54 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। यह पूरी तरह से झूठ है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है। संभव है कि यह हत्या पुरानी रंजिश, पारिवारिक झगड़े या फिर किसी और रंजिश में हुई हो। इसमें राजनीति का कोई संबंध नहीं है और न ही हमारे रेकॉर्ड में ऐसा कुछ है।' वहीं अब ममता ने 15 जून को होने वाली नीति आयोग की बैठक में आने से मना कर दिया है।

बीजेपी और टीएमसी के बीच देखने को मिल रही है तल्खी

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के शुरू होने के साथ ही बीजेपी और टीएमसी के बीच तल्खी देखने को मिली। चुनावों के बीच यह तल्खी और बढ़ी। प्रदेश में लगातार हिंसा को लेकर जहां दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया, वहीं 'जय श्रीराम' और 'जय बांग्ला' जैसे नारों पर भी तकरार दिखा। इस बीच बीजेपी की तरफ से ममता बनर्जी को जय श्रीराम लिखे हजारों पोस्टकार्ड भी भेजे गए हैं।

 

 

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