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राजस्थान सियासी संकट: दर्ज एफआईआर में कांग्रेस ने कहा, 'दिल्ली में बैठे लोगों को मिली पहली किस्त'

राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शुक्रवार को प्रदेश में जारी सियासी उठापटक में दो...
राजस्थान सियासी संकट: दर्ज एफआईआर में कांग्रेस ने कहा, 'दिल्ली में बैठे लोगों को मिली पहली किस्त'

राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शुक्रवार को प्रदेश में जारी सियासी उठापटक में दो एफआईआर दर्ज की। इसमें बातचीत के अंश को शामिल किया गया है जिसमें कथित तौर से राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने और 30 विधायकों जैसे शब्दों का खुलेआम इस्तेमाल करने की साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं। इस बातचीत में कथित तौर पर ‘सचिन जी' और 'दिल्ली के लोगों को मिली पहली किस्त' जैसी बातें शामिल है। 

अतिरिक्त मुख्य महानिदेशक (एडीजी) अशोक राठौर ने कहा है कि कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी द्वारा दायर शिकायत के बाद एसओजी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (राजद्रोह) और धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की है। दोनों एफआईआर में अज्ञात आरोपियों के रूप में दर्ज किया गया है। हालांकि एक एफआईआर में तीन लोगों - भंवर लाल शर्मा, गजेंद्र सिंह और संजय जैन का उल्लेख किया गया है।

एडीजी राठौड़ ने कहा है कि एसओजी ने शुक्रवार को ऑडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में पूछताछ के बाद संजय जैन को गिरफ्तार किया है।

कांग्रेस पार्टी दावा कर रही है कि ये उसी खरीद-फरोख्त का ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरस हो रहा है। इसे गुरुवार की रात को अशोक गहलोत खेमे ने शेयर किया था। दर्ज एफआईआर में तीन भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी और राजस्थानी में बातचीत का जिक्र किया गया है। 

हालांकि, आउटलुक इन ऑडियो क्लिप की पुष्टि नहीं करता है।

पहली एफआईआर

पहले एफआईआर में कथित तौर पर संजय जैन, कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और गजेन्द्र सिंह के बीच हिंदी और राजस्थानी भाषाओं में बातचीत का उल्लेख हैं। आगे उल्लेखित बातचीत में "30, यह आंकड़ा 2 से 3 दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा, यदि आज संभव हो, तो गजेंद्र जी के साथ बातचीत की व्यवस्था करें"। "हां, गजेंद्र सिंह महाराज बोल रहे हैं"। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए और 120 बी के तहत दर्ज एफआईआर में उक्त तथ्यों का उल्लेख किया गया है।  

दर्ज एफआईआर में भंवरलाल शर्मा और गजेंद्र सिंह के बीच कथित बातचीत का भी जिक्र किया गया है जिसमें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि "राज किसी होटल से 15 दिनों के लिए नहीं किया जा सकता। उनके पास नंबर नहीं हैं"। एफआईआर में 'सचिन जी' नाम के व्यक्ति का भी जिक्र किया गया है। अज्ञात आरोपियों के रूप में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भी कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा, संजय जैन और गजेंद्र सिंह का नाम शामिल किया गया है और दावा है कि ऑडियो क्लिप तीनों के बीच की बातचीत है।

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर बागी कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के साथ मिलकर राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

हालांकि एफआईआर में शर्मा के नाम के साथ उनके पदनाम का भी उल्लेख है, लेकिन गजेंद्र सिंह के नाम के साथ कोई इसतरह का विवरण नहीं दिया गया है। इस बात को प्रमुखता से सुरजेवाला और कांग्रेस के नेता उठा रहे हैं कि ये केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत हैं। कांग्रेस के मुख्य व्हिप ने अपनी शिकायत में कहा है कि रिकॉर्ड के आधार पर उन्हें शक हैं कि ये शेखावत है जो ऑडियो क्लिप में कथित बातचीत कर रहे हैं इसलिए, इसे सुनिश्चित करने के लिए एसओजी को जांच करनी चाहिए और पता लगाना चाहिए कि क्या गजेंद्र सिंह शेखावत ऑडियो में हैं या नहीं। शर्मा के अलावा एक अन्य पायलट समर्थक कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह को पार्टी ने शुक्रवार को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। इसमें पार्टी ने ऑडियो क्लिप के आधार पर निलंबित किया। जिसमें वो कथित सौदेबाजी करते हुए पाए गए। 

दूसरी एफआईआर

दूसरी एफआईआर में ऑडियो क्लिप में दो आवाजों को ए और बी के रूप में इंगित किया गया है। हालांकि, इसमें किसी भी नेता का नाम नहीं है। दूसरी एफआईआर के अनुसार, ऑडियो क्लिप ए में कहा गया है, "तो वह कह रहा है कि जो लोग दिल्ली में हमारे साथ हैं, उन्होंने पैसे ले लिए हैं और पहली किस्त पहुँच गई है।"  क्लिप बी में कहा गया, "आप उनके संपर्क में रहे हैं, है ना?" इसके अलावा, एफआईआर में उल्लिखित ऑडियो अनुसार, क्लिप बी क्लिप ए से पूछताछ करते हुए कहता है, "क्या चांदना को वापस नहीं बुलाया गया है"। जिस पर ए "न" में जवाब देता है। अशोक चांदना हिंडोली से कांग्रेस विधायक और गहलोत खेमे से माने जाते हैं। हालांकि, एफआईआर में उनका नाम किसी भी तरह से नहीं है। दूसरी एफआईआर भी अज्ञात 'आरोपियों' के खिलाफ दर्ज की गई है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस ने विश्वेंद्र सिंह पर आरोप लगाने और उन्हें निलंबित करने के बावजूद एफआईआर में उनका नाम नहीं लिया है। इस बीच, एसओजी की एक टीम जांच के लिए शुक्रवार दोपहर हरियाणा के मानेसर पहुंची।

आरोपों का खंडन करते हुए विधायक भंवरलाल शर्मा ने इस बात से इनकार किया कि ऑडियो में उनकी आवाज है। उन्होंने इसे फर्जी बताया है। साथ ही उन्हें कहा है कि शर्मा को बदनाम करने का प्रयास किया गया है। इसी तरह, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में इन आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि इस ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है और वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान भाजपा प्रमुख सतीश पूनिया ने आरोपों को 'निराधार' करार दिया और ऑडियो को नकली बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का घर उनके आंतरिक झगड़े के कारण पूरी तरह से अव्यवस्थित है। पूनिया ने कहा, "यह कांग्रेस पार्टी की जनता के बीच भ्रम पैदा करने की रणनीति है।"

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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