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चिदंबरम का तंज: भाजपा को किसी के मशवरे की जरूरत नहीं क्योंकि उनके पास मोदी जी हैं

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा को कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा पर दृष्टिपत्र तैयार...
चिदंबरम का तंज: भाजपा को किसी के मशवरे की जरूरत नहीं क्योंकि उनके पास मोदी जी हैं

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा को कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा पर दृष्टिपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली के हमले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को पलटवार करते हुए तंज कसा कि भाजपा को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास नरेंद्र मोदी हैं।

भाजपा को किसी सलाह की जरूरत नहीं: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘जेटली जी ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हुड्डा से राष्ट्रीय सुरक्षा पर सलाह देने के आग्रह को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। पर उन्हें यह भी कहना चाहिए था कि भाजपा को किसी सलाह की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास मोदी जी हैं।'

बीजेपी को कैबिनेट की जरूरत नहीं क्योंकि उसके पास मोदी हैं

चिदंबरम ने कहा, ‘भाजपा को आरबीआई का नेतृत्व करने के लिए रघुराम राजन जैसे व्यक्ति की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास मोदी जी हैं। भाजपा को राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की जरूरत नहीं है क्योंकि उसके पास मोदी जी हैं। असल में भाजपा को कैबिनेट की भी जरूरत नहीं, क्योंकि उसके पास मोदी हैं।’

जानें क्या कहा था अरुण जेटली ने

दरअसल जेटली ने शुक्रवार को कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा था कि हुड्डा की सेवा लेने के कदम से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस पार्टी देर से ही सही लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने की बात मान रही है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा था कि यह आश्चर्यजनक है कि पांच दशक तक शासन करने वाली कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पाठ पढ़ना पड़ रहा है। जेटली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पार्टी ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े रहे डी एस हुड्डा को राष्ट्रीय सुरक्षा टास्क फोर्स की कमान सौंपी है।

जेटली ने कांग्रेस से कहा कि उसे ऐसा संकेत नहीं देना चाहिए कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत बंटा हुआ है। लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा के अनुभव का संज्ञान लेते हुए जेटली ने कहा, ‘मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि वह सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) को मूल्यवान सुझाव देंगे।’

वित्त मंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा कि सेवानिवृत सैन्य अधिकारी की नियुक्ति सर्जिकल स्ट्राइक को देर से प्रदान की गई मान्यता एवं स्वीकृति है, जिससे हुड्डा जुड़े थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि सलाहकार पैनल पार्टी नेताओं को इस बारे में बताएगा कि सर्जिकल स्ट्राइक नियमित कदम नहीं था जो अतीत में उठाए गए बल्कि भारत के लिए पहला महत्वपूर्ण कदम था।’

सर्जिकल स्ट्राइक 29 सितंबर 2016 को सेना की ओर से किया गया था

बता दें कि कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया जाता रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक 29 सितंबर 2016 को सेना की ओर से किया गया था जिसमें नियंत्रण रेखा के पार कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। डीएस हुड्डा सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख थे और इस अभियान की निगरानी कर रहे थे।

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