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नागरिकता कानूनः एकजुट विपक्ष का आरोप, देशभर में हिंसा के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जिम्मेदार

नागरिकता संशोधन कानून पर देशव्यापी प्रदर्शन के बीच कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को जामिया...
नागरिकता कानूनः एकजुट विपक्ष का आरोप, देशभर में हिंसा के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जिम्मेदार

नागरिकता संशोधन कानून पर देशव्यापी प्रदर्शन के बीच कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस की बर्बर कार्रवाई की निंदा की और सुप्रीम कोर्ट के जज से घटना की जांच की मांग की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि हिंसा के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मंत्रिमंडल जिम्मेदार हैं। अगर सरकार नागरिकता कानून नहीं लाती तो यह स्थिति पैदा नहीं होती।

सोमवार को विपक्ष की संयुक्त एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल, सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी. राजा, राजद के मनोज झा, सपा के जावेद अली खान और शरद यादव ने जामिया में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया।

बिना मंजूरी के कैसे दाखिल हुई पुलिसः गुलाम नबी

गुलाम नबी आजाद ने कहा, " जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को अंदर घुसने की मंजूरी नहीं दी तब पुलिस जामिया में कैसे घुसी और कैसे छात्रों पर ऐसी बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि इस हिंसा के पीछे कांग्रेस का हाथ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाना गलत है और हम इसकी निंदा करते हैं।

दोषी पर हो मामला दर्जः येचुरी

सीताराम येचुरी ने घटना की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच की मांग करते हुए कहा, "जिसने भी जामिया परिसर में पुलिस को प्रवेश करने की अनुमति दी, उसे खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं था और यह संविधान विरोधी कानून  को लेकर विरोध था। उन्होंने आरोप लगाया, "हिंसा के पीछे सत्तारूढ़ पार्टी और केंद्र सरकार है। अगर सरकार इस कानून को नहीं लाती, तो ऐसी हिंसा नहीं होती। इस हिंसा के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मंत्रिमंडल जिम्मेदार हैं।"

येचुरी ने कहा कि पूरे देश में आंदोलन चलाया जाएगा। साथ ही किसी भी हिंसा की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के विश्वविद्यालय में पुलिस के प्रवेश को लोकतंत्र में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण दिल्ली में तीन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हालात खराब हैं।

देश में गृह यद्ध जैसे हालातः डी राजा

डी राजा ने कहा कि जिन लोगों ने जामिया में पुलिस के प्रवेश के आदेश दिए हैं, उनके खिलाफ मामला दर्ज हो और दंडित किया जाए। उन्होंने कहा, "देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति है, जिसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।" राजा ने पूछा, "अमित शाह को पुलिस द्वारा इस तरह की बर्बरता के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। गृह मंत्री की प्रतिक्रिया क्या है और वह कहां हैं।"

उन्होंने स्थिति को भयावह बताते हुए आरोप लगाया कि अमित शाह ने पूर्वोत्तर, पूर्वी भारत और पूरे देश में अजीब सी स्धिति पैदा कर दी है। राजा ने कहा कि वाम दल 19 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे और सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की। राजद के मनोज झा ने कहा कि विधायी बहुमत ने संवैधानिक नैतिकता को कम करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जामिया में जो कुछ भी हुआ है, इतिहास उसे माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया गया है।

गृह मंत्री के दावे झूठे हैंः सिब्बल

सिब्बल ने कहा कि सरकार की कार्रवाई के कारण होने वाली हिंसा और दंगे बहुत खतरनाक हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें इसे ध्यान में रखना होगा, यह मामला यहीं खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हिंसा कैसे हुई, इसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में एक जांच आयोग का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने गृह मंत्री पर "झूठे" दावे करने का भी आरोप लगाया। सिब्बल ने कहा, "जब एक गृह मंत्री वोट बैंक की राजनीति के लिए देश से 'झूठ' बोलता है और हिंदू और मुसलमानों के बीच विवाद पैदा करता है, तो यह बहुत शर्मनाक बात है।" सिब्बल ने कहा, "सभ्यता का इतिहास प्रमुखता से अत्याचार का इतिहास रहा है।"

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