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विपक्ष की ओर से मीरा कुमार होंगी राष्ट्रपति पद की साझा उम्मीदवार

कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।
विपक्ष की ओर से मीरा कुमार होंगी राष्ट्रपति पद की साझा उम्मीदवार

आज दिल्ली में यूपीए की ओर से बुलाई गई 17 राजनैतिक दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीरा कुमार को विपक्ष की साझा उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है। नीतीश कुमार द्वारा एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद विपक्ष के उम्मीदवार को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन आज विपक्षी दलों की बैठक में साझा उम्मीदवार उतारने के मुद्देे पर सहमति बनी और मीरा कुमार के नाम का ऐलान किया गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि 17 विपक्षी दलों ने निर्विरोध मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है। 

भाजपा ने बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर जो दलित कार्ड खेला था, उसी के जवाब में कांंग्रेस ने मीरा कुमार को उम्मीदवार बनवाया है। मीरा कुमार देश के जाने-माने दलित नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं और पांच बार लोकसभा संसाद रह चुकी हैं। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा से की थी। अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत मीरा कुमार सन 1985 में बिजनौर लोकसभा सीट से रामविलास पासवान और मायावती जैसे दलित नेताओं को हराकर की थी। 2009 में उन्हें देश की प्रथम महिला स्पीकर चुना गया था। उससे पहले मीरा कुमार मनमोहन सिंह सरकार में समाज कल्याण और जल संसाधन मंत्री थीं।

मीरा कुमार के नाम पर सहमति बनने से पहले वाम दलों की ओर से प्रकाश आंबेडकर का नाम थी राष्ट्रपति के लिए चला था। लेकिन कल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मीरा कुमार की मुलाकात के बाद उनकी उम्मीदवार की संभावनाएं प्रबल हो गईं। 

दिलचस्प हो सकता है मुकाबला 

हालांकि, राष्ट्रपति चुनाव में वोटों का गणित फिलहाल एनडीए के पक्ष में झुका हुआ है। लेकिन रामनाथ कोविंद के मुकाबले दलित समुदाय से ही मीरा कुमार के मैदान में आने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव में किसी पार्टी को मतदान के लिए व्हीप जारी करने की अनुमति नहीं होती है। ऐसे में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर मतदान होने की गुंंजाइश रहती है। 

विपक्षी एकता दिखाने का मौका 

मीरा कुमार को साझा उम्मीदवार बनाकर विपक्षी दलों ने अपनी एकजुटता दिखाने का प्रयास किया है। अगर मीरा कुमार को सफलता नहींं भी मिलती है, तब भी इससे विपक्ष को लामबंद करने में कांग्रेस को मदद मिल सकती है। दलित होने की वजह से मीरा कुमार को बसपा का समर्थन भी मिल सकता है। बसपा प्रमुख मायावती ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के नाम का विरोध नहीं किया था, लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि अगर विपक्ष की ओर से कोई ज्याद काबिल उम्मीदवार उतारा जाता है तो उस पर विचार किया जाएगा। विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी दलों से मीरा कुमार का समर्थन करने की अपील की है। 

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