Advertisement

फारूक के बयान पर महबूबा का तंज, कहा- 'अमेरिका ने जहां दखल दिया वहां क्या हालत हुई है?'

जम्मू और कश्मीर की मुख्यममंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘सीरिया, अफगानिस्तान और इराक में आज हालात क्या हैं? क्या फारुक साहब वही हालात कश्मीर में देखना चाहते हैं।’
फारूक के बयान पर महबूबा का तंज, कहा- 'अमेरिका ने जहां दखल दिया वहां क्या हालत हुई है?'

महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि अगर अमेरिका कश्मीर के मसले पर दखल देने लगा तो घाटी की वही हालत हो जाएगी जो सीरिया और अफगानिस्तान की है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को बयान दिया था कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत को अमेरिका और चीन की मध्यस्थता स्वीकार करनी चाहिए।

चीन अमेरिका अपना घर संम्हाले...

महबूबा मुफ्ती ने कहा, “चीन और अमेरिका को अपना घर संभालना चाहिए, हमें आपस में मिलकर बात करनी है तो अमेरिका तुर्किस्तान और इंग्लिस्तान हमारा क्या करेगा।’ महबूबा ने कहा कि अमेरिका ने जहां जहां दखल दिया है वहां क्या हालत हुई है आप सभी जानते हैं। बड़ी खबरें

अटल को किया याद

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत होनी चाहिए। इसमें किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है। महबूबा ने कहा कि जैसा कि वाजपेयी जी ने लाहौर समझौते के वक्त कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए भारत-पाकिस्तान को बात करनी चाहिए।

फारूक ने क्या कहा था?

फारुक अब्दुल्ला ने 21 जुलाई को कहा था कि दुनिया भर में भारत के कई सहयोगी हैं जिनसे भारत संपर्क कर सकता है और उन्हें कश्मीर विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने को कह सकता है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि वे कश्मीर मुद्दे का समाधान चाहते हैं और साथ ही चीन भी कह चुका है कि वह इस मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement