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उत्तराखंड के पूर्व सीएम और भाजपा सांसद बीसी खंडूरी के बेटे ने थामा कांग्रेस का दामन

लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनैतिक दलों में हलचल भी शुरू चुकी है। चुनाव से ऐन पहले नेताओं का पाला...
उत्तराखंड के पूर्व सीएम और भाजपा सांसद बीसी खंडूरी के बेटे ने थामा कांग्रेस का दामन

लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनैतिक दलों में हलचल भी शुरू चुकी है। चुनाव से ऐन पहले नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला भी लगातार जारी है। इसी क्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद भुवन चंद्र खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी ने शनिवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उत्तराखंड के परेड ग्राउंड में कांग्रेस के चुनावी मंच पर पार्टी अध्‍यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में मनीष कांग्रेस में शामिल हो गए। मनीष खंडूरी के कांग्रेस में शामिल होने को भाजपा के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। राहुल ने कांग्रेस में खंडूरी का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी मजबूत होगी।

ऐसी अटकलें हैं कि कांग्रेस मनीष खंडूरी को पौड़ी लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है जिसका प्रतिनिधित्व उनके पिता कर रहे हैं। उत्तराखंड में भाजपा का चेहरा रहे बीसी खंडूरी की पौड़ी सीट पर खासी पकड़ रही है। उन्होंने पौड़ी सीट से लगातार जीत हासिल की है। उनको पार्टी के इतर भी इस सीट पर प्रभाव माना जाता है। 

इस संबंध में जब कुछ दिन पहले उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट से सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि मनीष खंडूरी पार्टी के सदस्य नहीं हैं और इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कहां जाते हैं।हालांकि, भट्ट ने कांग्रेस के इन दावों को नकार दिया कि राहुल गांधी की रैली में भाजपा के कई नेता कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने कहा, 'भाजपा का कोई भी नेता 16 मार्च को कांग्रेस की रैली के दौरान उस पार्टी में नहीं शामिल हो रहा है।’

खंडूरी 36 साल तक सेना में रहे। उसके बाद उन्होंने राजनीतिक मैदान में कदम रखा। वहीं, भुवन चंद खंडूरी की बात करें तो वे 2007 से 2009 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे थे और 2014 में वह गढ़वाल से सांसद चुने गए। वह पहली बार 1991 में गढ़वाल से सांसद चुने गए। अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें 2000 में केंद्रीय मंत्री बनाया।

जानें कब होगा उत्तराखंड में चुनाव

उत्‍तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा। उत्तराखंड में टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोड़ा (SC), नैनीताल-ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार पांच लोकसभा सीट है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। उस वक्त राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। इसके बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जीत दर्ज की। उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। उत्तराखंड में फिलहाल बीजेपी सत्ता में है।

भाजपा को 24 घंटे के अंदर लगा तीसरा झटका

भाजपा को 24 घंटे के अंदर तीन बड़े झटके लगे हैं। असम के तेजपुर से सांसद रामप्रसाद सरमाह ने भी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। इससे पहले बीजेपी के राजस्थान के दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बीकानेर से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को टिकट नहीं देने की मांग को लेकर इस्तीफा दिया है।

दूसरी ओर गुजरात बीजेपी की महिला नेता रेशमा पटेल ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि वे बीजेपी से अलग होने के बाद भी क्षेत्र की जनता के लिए अंतिम समय तक काम करते रहेंगे।

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