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जानें कौन हैं संगीता सेंगर, विरोध के बाद जिसका भाजपा को काटना पड़ा टिकट

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने उन्नाव के फतेहपुर चौरासी से घोषित जिला पंचायत सदस्य संगीता...
जानें कौन हैं संगीता सेंगर, विरोध के बाद जिसका भाजपा को काटना पड़ा टिकट

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने उन्नाव के फतेहपुर चौरासी से घोषित जिला पंचायत सदस्य संगीता सेंगर का टिकट काट दिया है। उन्नाव की चार सीटों से विभिन्न दलों से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर उन्नाव की निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

भाजपा ने उनको एक बार फिर टिकट दिया था। जिसके बाद से पार्टी में ही विरोध के सुर उठने लगे थे। भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने दूसरे चरण के चुनाव वाले क्षेत्रों की शनिवार को कानपुर में समीक्षा की थी। इसी दौरान प्रत्याशियों के नाम पर भी चर्चा होने लगी। लगातार विरोध को देखते हुये भाजपा ने संगीता का टिकट काट दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि संगीता पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी नहीं हैं ।

बता दें कि संगीता के पति कुलदीप सेंगर माखी कांड में बलात्कार और पीड़िता के पिता की हत्या में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से चार बार बीजेपी के टिकट पर विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को में उन्नाव रेप केस में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद भाजपा ने कुलदीप सिंह सेंगर को अगस्त 2019 में पार्टी से निष्काषित कर दिया था।

सेंगर को बलात्कार और अपहरण के मामले में भी दोषी करार दिया गया था। दोषी करार दिए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने कहा था, दोषी विधायक को बाकी बची उम्र अंतिम सांस तक जेल में काटनी होगी। कोर्ट ने इसे एक लोकतांत्रिक पदाधिकारी का दुष्टतापूर्ण कृत्य करार दिया था। कोर्ट ने कठोर संदेश देते हुए दोषी को उम्रकैद की अधिकतम सजा सुनाने का निर्णय किया और कहा कि दोषी अपनी स्वाभाविक उम्र की अंतिम सांस तक जेल में रहेगा।

वहीं रेप सर्वाइवर के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में भी सेंगर सहित सभी दोषियों को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी।

 

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