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कर्नाटक संकट: बेंगलुरू में 48 घंटे के लिए धारा 144 लागू, फ्लोर टेस्ट संभव

कर्नाटक का राजनीतिक ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भी देर रात तक विधानसभा में...
कर्नाटक संकट: बेंगलुरू में 48 घंटे के लिए धारा 144 लागू, फ्लोर टेस्ट संभव

कर्नाटक का राजनीतिक ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भी देर रात तक विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस और बीजेपी विधायकों के बीच बहस होती रही। भाजपा विधायक विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर अड़े रहे। बाद में स्पीकर रमेश कुमार ने सदन को स्थगित कर दिया और मंगलवार यानी आज शाम 6 बजे तक वोटिंग कराने का आश्वासन दिया। इसी बीच बेंगलुरू में 48 घंटे के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने बताया कि सभी पब, वाइन शॉप बंद रहेंगी। अगर किसी ने इसका उल्लंघन किया तो उसे सजा मिलेगी।

गौरतलब है कि  कर्नाटक में सोमवार को भी कुमारस्वामी की सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं हुई। इसे लेकर भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा वोटिंग कराने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन विश्वास प्रस्ताव को लेकर तीन दिन से जारी बहस खत्म नहीं हुई। हंगामे के बीच स्पीकर रमेश कुमार ने विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार की सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मंगलवार को भी विश्वास मत पर बहस हो रही है इसके बाद शाम 6 बजे तक विश्वास मत पर वोटिंग संभव है।

नाराज भाजपा नेताओं की आपत्तियों के बीच कर्नाटक के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा, "कल शाम 6 बजे तक फ्लोर टेस्ट होगा।"

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "कल हम अपने कुछ सदस्यों के बोलने के बाद फ्लोर टेस्ट खत्म कर देंगे। कल शाम 4 बजे तक हम चर्चा समाप्त कर देंगे।"

LIVE अपडेट

-बागी विधायकों पर भड़के शिवकुमार

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि बागी विधायकों ने मेरी पीठ में चाकू घोंपा है, लेकिन चिंता मत करो वो भाजपा वालों के साथ भी ऐसा करेंगे। मैं आपसे कह रहा हूं कि वो लोग मंत्री नहीं बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि जब मैं बागी विधायकों से मिलने मुंबई गया तो उन्होंने मुझे कहा कि हम यहां से जाना चाहते हैं।

-सुप्रीम कोर्ट में फिर टली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर कर्नाटक मसले पर सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अभी स्पीकर चर्चा करवा रहे हैं, शाम तक वोटिंग हो सकती है। लिहाजा सुनवाई बुधवार को ही होगी। कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब याचिका दायर की गई है तो स्पीकर मतदान कैसे करा दें? सरकार को गिरना है आज या कल.. इस पर अदालत ने कहा कि ये हम नहीं तय करेंगे कि सरकार कब गिर रही है लेकिन स्पीकर आशावादी हैं और बहस की बात कर रहे हैं।

-बागी विधायकों ने मुलाकात के लिए स्पीकर से मांगा चार सप्ताह का वक्त

वोटिंग से पहले स्पीकर रमेश कुमार ने बागी विधायकों को मिलने के लिए कहा था, लेकिन विधायकों ने उनसे और कुछ समय मांगा है। 13 विधायकों ने कहा है कि उन्हें 4 सप्ताह का वक्त दिया जाए।

 कल सदन में क्या हुआ?

विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के समय से ही अध्यक्ष के. आर. रमेश ने सरकार को बार बार शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सोमवार को पूरी करने के अपने वादे का सम्मान करने की याद दिलायी। एक घंटे की देरी से सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ सबकी नजर हम पर है। मुझे बलि का बकरा ना बनाएं। अपने लक्ष्य (शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी करने) तक पहुंचें।’’

कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा था। सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार का भविष्य अधर में है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक और बाद में दिन की समाप्ति तक विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया पूरी करने को कहा था। शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे सोमवार को अवश्य पूरा करेगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। अध्यक्ष ने विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया में और देरी नहीं करने पर अपना रुख स्पष्ट किया, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा।’’ ऐसी खबरें है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने मत-विभाजन के लिए और दो दिन का वक्त मांगा है। अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम जीवन सार्वजनिक में हैं। जनता हमें देख रही है। अगर लोगों में यह विचार बन रहा है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा।’’ कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि इस्तीफे के मुद्दे पर अध्यक्ष के निर्णय के बगैर मत-विभाजन कराने से विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया की कोई गरिमा नहीं रहेगी। विश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन भी जारी रहने के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘ हम असाधारण स्थिति में आ गये हैं.... मैं अध्यक्ष से पहले इस्तीफों पर निर्णय लेने का अनुरोध करता हूं। अन्यथा इसका (विश्वास प्रस्ताव का) कोई मतलब नहीं रह जाएगा।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘ क्या इस्तीफा स्वेच्छा से दिया गया और असली वजह क्या है? क्या वे लोकतंत्र के विरूद्ध नहीं हैं?’’ केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार करते हुए गौड़ा ने कहा कि देश से राजनीतिक विपक्ष का सफाया करने के लिए ‘सुनियोजित तरीके से’ प्रयास चल रहा है और भाजपा द्वारा कर्नाटक में अभियान उसी प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने बागी विधायकों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की। भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस जद(एस) सरकार बागी विधायकों को अपने पाले में करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में देरी कर रही है। इन्हीं विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गयी है। 

मुख्यमंत्री इस्तीफा दें और घर जाएं

इस बीच, सरकार पर दबाव डालते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर उन्हें संविधान और राज्य की जनता में विश्वास है तो वह ‘इस्तीफा दें और घर जाएं।’’ भाजपा ने कहा कि कुमारस्वामी स्वयं विश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं लेकिन उसकी प्रक्रिया पूरी करने में देरी कर रहे हैं। पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, ‘‘अगर आपको संविधान और राज्य की जनता में जरा सा भी विश्वास और उनके लिए सम्मान है तो आप इस्तीफा दें और घर जाएं।’’ भाजपा ने कन्नड़ भाषा में हैशटैग चलाया है ‘‘राज्य की जनता आपको माफ नहीं करेगी।’’

किसके पास कितने विधायक?

विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं जिनमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37, बसपा के एक और एक नामित हैं। दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के साथ विपक्षी भाजपा के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं। यदि 15 विधायकों (कांग्रेस के 12 और जदएस के 3) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या वे मत-विभाजन से दूर रहते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के पास संख्याबल 101 रह जाएगा और सरकार अल्पमत में आ जाएगी।

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