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जिनपिंग की भारत यात्रा से पहले बोले कपिल सिब्बल- मोदीजी 56 इंच का सीना दिखाइए

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दो दिनों के दौरे के लिए बीजिंग से रवाना हो चुके हैं। वह आज यानी...
जिनपिंग की भारत यात्रा से पहले बोले कपिल सिब्बल- मोदीजी 56 इंच का सीना दिखाइए

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दो दिनों के दौरे के लिए बीजिंग से रवाना हो चुके हैं। वह आज यानी शुक्रवार को दोपहर को चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंच जाएंगे। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका भव्य स्वागत करेंगे। दोनों वैश्विक नेता इसके बाद महाबलिपुरम जाएंगे जहां कई मुद्दों पर बातचीत होगी। इस अनौपचारिक बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी है।

कपिल सिब्बल ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा कि मोदीजी अपनी 56 इंच की छाती दिखाइए और जिनपिंग की आंखों में आखे डालकर उन्हें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की 5,000 किलोमीटर की जमीन खाली करने को कहिए।

हाथी के दांत खाने के कुछ औरदिखाने के कुछ और हैं

सिब्बल ने लिखा, 'शी जिनपिंग अनुच्छेद 370 पर इमरान खान का समर्थन करते हैं, ऐसे में मोदी जी मामल्लापुरम में उनकी आंखों में आंखें डालिए और बोलिए: 1. पीओके में कब्जे वाली 5000 किलोमीटर की भूमि खाली करो। 2. भारत मे 5जी के लिए चीनी कंपनी हुवेई की जरूरत नहीं।' उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा, 'आप 56 इंच की छाती दिखाइए या फिर हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और हैं।'

वहीं, मोदी-जिनपिंग की वार्ता से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चीन से मांग की है कि वह अक्साई चिन क्षेत्र भारत को वापस करे। आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने चीन से यह मांग भी की है कि वह अपनी विस्तारवादी नीति पर रोक लगाए साथ ही वह पाकिस्तान से कहे कि अपने अवैध कब्जे वाले कश्मीर को वह भारत को सौंप दे।

मनीष तिवारी ने भी चीन को लेकर सरकार को घेरा

इससे पहले कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने भी चीन को लेकर सरकार को घेरा था। शी चिनफिंग के इस बयान कि वह कश्मीर पर नजर बनाए हुए हैं, पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सरकार से सवाल किया है कि वह हॉन्ग कॉन्ग में प्रदर्शनों और शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चीन को क्यों नहीं घेर रही है।

तिवारी ने ट्वीट किया, 'शी चिनफिंग कहते हैं कि वह कश्मीर पर नजर बनाए हुए हैं लेकिन प्रधानमंत्री और विदेश मंत्रालय क्यों नहीं कहते... 1- हम हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों के दमन को देख रहे हैं। 2- हम शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन को देख रहे हैं। 3- हम तिब्बत में लगातार हो रहे अत्याचार को देख रहे हैं। 4- हम साउथ चाइना सी को देख रहे हैं।'

भारत और चीन के बीच बयानों में तीखापन

बता दें कि चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग दो दिवसीय अनौपचारिक बातचीत के लिए आज महाबलिपुरम पहुंच रहे हैं। मोदी-शी की अनौपचारिक शिखर बैठक से 48 घंटे पहले बुधवार को कश्मीर के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच बयानों में तीखापन देखा गया है। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद पेइचिंग के उस बयान पर नई दिल्ली ने तीखी प्रतिक्रिया दी जिसमें कश्मीर मसले को 'संबंधित' यूएन चार्टर के मुताबिक सुलझाने की बात कही गई थी। भारत ने दो टूक कहा कि वह अपने आंतरिक मामलों में इस तरह की टिप्पणी का स्वागत नहीं करता है।

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