विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड (जद(यू)) में उम्मीदवार चयन को लेकर चल रहे विवाद के बीच पार्टी सांसद अजय कुमार मंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर गहरी नाराजगी जताई है। मंडल ने टिकट बंटवारे में मनमानी का आरोप लगाते हुए सांसद पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है और मुख्यमंत्री से त्यागपत्र देने की अनुमति मांगी है।
भागलपुर के सांसद अजय मंडल ने अपने पत्र में लिखा है कि वह पिछले 20-25 वर्षों से संगठन और जनता की सेवा कर रहे हैं तथा उन्होंने हमेशा पार्टी को परिवार की तरह माना है। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में संगठन में ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जो पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण की प्रक्रिया में स्थानीय सांसद होने के बावजूद उनसे कोई सलाह नहीं ली जा रही है। मंडल ने कहा, “जिन व्यक्तियों ने कभी पार्टी संगठन के लिए कार्य नहीं किया, उन्हें टिकट देने की बात सामने आ रही है, जबकि जिला अध्यक्ष और स्थानीय नेतृत्व की राय को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है।”
मंडल ने दावा किया कि 2019 में वह जिस क्षेत्र से सांसद बने, वहां उनके नेतृत्व में जद(यू) ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी, जो पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि अब उनके ही लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के कुछ लोग टिकट बांटने का काम कर रहे हैं और उन्हें अपनी राय देने तक का अवसर नहीं दिया जा रहा है।
सांसद ने पत्र में लिखा, “जब संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व की राय का कोई महत्व नहीं रह गया है, तो मेरे लिए सांसद पद पर बने रहने का औचित्य समाप्त हो जाता है।” उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी प्रकार का विरोध नहीं बल्कि पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को भविष्य में संभावित नुकसान से बचाना है। मंडल ने आग्रह किया कि उन्हें सांसद पद से त्यागपत्र देने की अनुमति दी जाए।
जद(यू) के भीतर यह विवाद उस समय सामने आया है जब राजग में सीटों के बंटवारे को लेकर पहले से ही असंतोष के स्वर सुनाई दे रहे हैं। टिकट बंटवारे में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सोमवार को पार्टी के पूर्व विधायक जय कुमार सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया।