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दिल्ली चुनाव: केजरीवाल की बेटी ने पूछा- बच्चों को शिक्षित करना, लोगों को बिजली-पानी देना आतंकवाद है?

दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार थमने में महज एक दिन शेष है, मगर उससे पहले ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज...
दिल्ली चुनाव: केजरीवाल की बेटी ने पूछा- बच्चों को शिक्षित करना, लोगों को बिजली-पानी देना आतंकवाद है?

दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार थमने में महज एक दिन शेष है, मगर उससे पहले ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। दिल्ली चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का परिवार भी आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांग रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकी बताए जाने के खिलाफ अब उनकी बेटी हर्षिता उतर आई हैं। हर्षिता ने केजरीवाल सरकार द्वारा नि:शुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा का बचाव करते हुए कहा कि क्या स्वास्थ्य सुविधाओं को मुफ्त करना आतंकवाद है?

...तो क्या यह आतंकवाद है?

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता केजरीवाल ने कहा, 'वे कहते हैं कि राजनीति गंदा है, लेकिन यह एक नया गिरा हुआ स्तर है। अगर स्वास्थ्य सुविधाओं को लोगों के लिए मुफ्त में बनाया जाता है और अगर बच्चों को शिक्षित बनाया जाता है तो क्या यह आतंकवाद है? अगर बिजली और पानी की आपूर्ति में सुधार किया जाता है तो क्या यह आतंकवाद है?'

'इंसान से इंसान का हो भाईचारा' गीत गाते हैं

हर्षिता केजरीवाल ने कहा, 'मेरे पिता हमेशा सामाजिक सेवाओं में रहे हैं। मुझे अभी भी याद है कि वे हमें सुबह 6 बजे जगाते थे- मैं, मेरे भाई, मां, दादा-दादी। वह हमें भगवद् गीता पढ़ाते हैं और 'इंसान से इंसान का हो भाईचारा' गीत गाते हैं और हमें इसके बारे में पढ़ाते हैं। क्या यह आतंकवाद है?'

हम ही नहीं, बल्कि 2 करोड़ आम लोग भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं

हर्षिता ने आगे कहा कि उन्हें आरोप लगाने दें...उन्हें 200 सांसद और 11 मुख्यमंत्री लाने दें। केवल हम ही नहीं, बल्कि 2 करोड़ आम लोग भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वे उन्हें 11 फरवरी को दिखा देंगे कि वे आरोपों के आधार पर वोट डालते हैं या काम के आधार पर।

बीजेपी ने साधा निशाना

केजरीवाल के अपनी बेटी को चुनावी मैदान में प्रचार के लिए उतारने पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उन पर निशाना साधा है।

8 फरवरी को है दिल्ली में चुनाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए बिगुल बज गया है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के साथ ही भाजपा और कांग्रेस भी सत्ता प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रही हैं। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 11 फरवरी को होगी।

2015 में कुल 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी

गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कुल 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं भाजपा को तीन सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में में दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी।

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