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भारत-रूस संबंध 1955 में मजबूत हुई साझेदारी का परिणाम: कांग्रेस

कांग्रेस ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले बृहस्पतिवार को कहा कि भारत-रूस...
भारत-रूस संबंध 1955 में मजबूत हुई साझेदारी का परिणाम: कांग्रेस

कांग्रेस ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले बृहस्पतिवार को कहा कि भारत-रूस के मौजूदा संबंध 1955 में मजबूत हुई और तब से जारी भारत-सोवियत साझेदारी का प्रत्यक्ष परिणाम है।

पुतिन भारत की दो दिवसीय यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली पहुंचेंगे जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके लिए रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘पिछले 26 वर्षों में, रूस के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री के बीच 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है। ये संबंध और भी पुराने हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ठीक 70 साल पहले यूएसएसआर के दो शीर्ष नेता भारत आए थे। निकोलाई बुल्गानिन और निकिता ख्रुश्चेव 19 दिन के लिए यहां थे। वे 18 से 30 नवंबर, 1955 तक और फिर 7 से 14 दिसंबर, 1955 तक भारत में रहे। इसके छह महीने पहले जवाहरलाल नेहरू ने सोवियत संघ की यात्रा की थी।’

उन्होंने कहा, ‘बुल्गानिन-ख्रुश्चेव की यात्रा ने भारत-सोवियत सहयोग की मजबूत नींव रखी और भिलाई स्टील प्लांट और आईआईटी मुंबई इसके दो शुरुआती उदाहरण थे। कुछ साल बाद प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत एचएएल मिग विमान का निर्माण करने लगी। इस यात्रा ने ओएनजीसी और आईडीपीएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कई अन्य कंपनियों के भविष्य को आकार देने में भी मदद की।’

रमेश ने कहा कि भारत-रूस संबंध 1955 की दूसरी छमाही में पहली बार मजबूत हुई भारत-सोवियत साझेदारी का प्रत्यक्ष परिणाम है और ये तब से जारी हैं।’

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