कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार में इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ मतदाता सूची में संशोधन के खिलाफ और "वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई" को एक जन आंदोलन बनाने के लिए 17 अगस्त से राज्य भर में 'वोट अधिकार यात्रा' शुरू करेंगे। पार्टी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कांग्रेस महासचिव एवं संगठन प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल ने 11 दिसंबर को यात्रा की घोषणा की और कहा कि हमारे लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ाई सड़कों पर होगी।
उन्होंने कहा, "17 अगस्त से विपक्ष के नेता श्री राहुल गांधी जी और इंडिया पार्टियां खतरनाक एसआईआर अभ्यास के खिलाफ और वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई को एक जन आंदोलन बनाने के लिए पूरे बिहार में एक विशाल वोट अधिकार यात्रा शुरू करेंगी!"
इस संदर्भ में वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने बुधवार को सासाराम में इंडिया ब्लॉक के नेताओं से मुलाकात की ताकि यात्रा की तैयारी, लामबंदी और सुचारू समन्वय का आकलन किया जा सके।
यह यात्रा 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक रैली के साथ समाप्त होगी। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया था कि "वोट चोरी" उसके लिए "करो या मरो" का मुद्दा है, और 14 अगस्त की शाम को 'लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च' सहित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अपने आरोपों को जनता तक पहुँचाने की रूपरेखा की घोषणा की।
यह बात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा पार्टी महासचिवों, प्रभारियों और इसके प्रमुख संगठनों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद कही गई।
बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के एआईसीसी प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि आगे बढ़ते हुए, कांग्रेस तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के साथ इसे लोगों तक ले जाएगी।
कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर 'लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च' निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि 22 अगस्त से सात सितंबर के बीच कांग्रेस सभी राज्य मुख्यालयों पर 'वोट चोर, गद्दी छोड़ो' रैलियां आयोजित करेगी।
उन्होंने कहा था, "15 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच वोट के अधिकार को बचाने और लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरा भारत ब्लॉक इस पर एक साथ है।
पिछले गुरुवार को गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया था कि कर्नाटक में बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में पांच प्रकार की हेराफेरी के जरिए 1 लाख से अधिक वोट "चुराए" गए।
विपक्ष संसद के दोनों सदनों में मतदाता सूची में संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है। विपक्ष द्वारा सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की जा रही है।