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थम गया चौथे चरण का चुनाव प्रचार, 71 सीटों के लिए डाले जाएंगे वोट, ये हैं प्रमुख चेहरे

29 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे थम गया। इस चरण में 9...
थम गया चौथे चरण का चुनाव प्रचार, 71 सीटों के लिए डाले जाएंगे वोट, ये हैं प्रमुख चेहरे

29 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे थम गया। इस चरण में 9 राज्यों की 71 सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें भाजपा 45 सीटों पर काबिज है और उसके सामने अपना किला बचाने की चुनौती होगी। इस चरण में साक्षीजी महाराज, डिम्पल यादव, सलमान खुर्शीद, रामशंकर कठेरिया प्रमुख, श्रीप्रकाश जायसवाल प्रमुख चेहरे हैं।

इस चरण की 71 सीटों में बिहार की पांच, जम्मू कश्मीर की एक, झारखंड की तीन, मध्य प्रदेश की छह, महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की छह, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश की 13 और पश्चिम बंगाल की आठ सीटें शामिल हैं।

यूपी में भाजपा के पास हैं 12 सीटें

उत्तर प्रदेश की खीरी सीट पर कांग्रेस के जफर अली नकवी, उन्नाव सीट पर कांग्रेस की अन्नू टंडन, भाजपा के स्वामी साक्षी महाराज, फर्रुखाबाद सीट पर कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, इटावा सीट पर भाजपा के रामशंकर कठेरिया, कन्नौज सीट पर सपा की डिम्पल यादव, कानपुर सीट पर कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल और भाजपा के सत्यदेव पचौरी प्रमुख उम्मीदवार हैं। यहां 13 सीटों में 12 पर भाजपा का कब्जा है। केवल एक सीट सपा के पास है। इस बार सपा-बसपा गठबंधन से भाजपा को कड़ी चुनौती मिल रही है।

भाजपा 45 सीटों पर है काबिज

2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के लिहाज से देखें तो भाजपा अकेले 71 में से 45 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, जबकि भाजपा अपने सहयोगी दलों शिवसेना को 9 और एलजेपी को 2 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को महज 2 सीटें मिली थीं, जिनमें मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा और पश्चिम बंगाल की बेहरामपुर सीट थी। छिंदवाड़ा से कमलनाथ और बेहरामपुर से अधीर रंजन चौधरी जीतने में कामयाब रहे थे। इसके नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी 6 सीटें जीती थी। टीएमसी 6 और सपा 1 सीट जीती थी।

क्या बदलेगा समीकरण

राजस्थान की 13 सीटों में कांग्रेस एक भी नहीं जीत पाई थी। सभी सीटें भाजपा को मिली थीं। मध्य प्रदेश की 6 सीटों में कांग्रेस को एक और भाजपा को पांच सीटें मिली थीं। महाराष्ट्र की सभी 17 सीटें शिवसेना औरभाजपा जीतने में कामयाब रही थी। शिवसेना को 9 और भाजपा को 8 सीटें मिली थीं। कांग्रेस और एनसीपी को एक भी सीट नहीं मिली थी। वहीं, झारखंड की सभी तीन सीटों भाजपा के पास हैं। बंगाल की जिन 8 सीटों में एक सीट भाजपा और एक सीट कांग्रेस को मिली थी जबकि 6 सीटें टीएमसी के खाते में गई थीं तो ओडिशा की सभी 6 सीटें बीजेडी के पास हैं।

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