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जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने कहा, सत्ता में आए तो 35 ए पर नहीं आने देंगे किसी तरह की आंच

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35 ए के मु्द्दे पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के...
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने कहा, सत्ता में आए तो 35 ए पर नहीं आने देंगे किसी तरह की आंच

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35 ए के मु्द्दे पर जारी राजनीतिक घमासान के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी इसका समर्थन किया है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित इस मामले पर राज्य में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने बुधवार को कहा कि अगर आगामी समय में कांग्रेस सत्ता में आती है तो 35 ए पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी।

श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए मीर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 35ए  की रक्षा के लिए काम कर रही है और अगर आने वाले समय में हमें सत्ता के लिए वोट दिया जाता है तो कानून के तहत इस पर सर्वसम्मति बनाएंगे।  

कांग्रेस ने हाल ही में 35ए के मुद्दे पर राज्य में बनी असमंजस की स्थिति और राजनीतिक विरोध को देखते हुए केंद्र से पंचायत चुनाव पर अपना स्टैंड साफ करने की मांग की थी।

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने 12 सितंबर को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार ने बिना जमीनी हालात की हकीकत जाने पंचायत चुनाव की घोषणा की है। मीर ने कहा कि केंद्र को अपना स्टैंड साफ करते हुए बताना चाहिए कि क्या वह सच में चुनाव कराना चाहती है या यह सिर्फ एक नाटक जैसा है। वहीं मीर के अलावा कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भी 25 अगस्त को 35ए का समर्थन करते हुए कहा था कि अनुच्छेद 35ए को अवश्य ही संविधान के अंग के रूप में रखा जाना चाहिए ताकि कश्मीर के लोग भयभीत महसूस न करें।

पंचायत चुनावों के बहिष्कार का ऐलान

कांग्रेस से पहले जम्मू-कश्मीर की सत्ता की दो सबसे बड़ी पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने 35ए के मुद्दे पर अक्टूबर में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के बहिष्कार का ऐलान किया था। 10 सितंबर को अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महबूबा ने कहा था कि उनकी पार्टी पंचायत चुनावों में तब तक हिस्सा नहीं लेगी, जब तक कि 35ए के मुद्दे पर केंद्र का रुख साफ नहीं किया जाता। महबूबा की दलील थी कि प्रदेश में अनुच्छेद 35ए को लेकर एक बड़ी अनिश्चितता और डर का माहौल है, अगर इन स्थितियों में सरकार कोई भी चुनाव कराती है तो नतीजों के बाद उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और श्रीनगर के सांसद फारुक अब्दुल्ला ने भी कहा था कि जब तक केंद्र 35ए को लेकर अपना रुख साफ नहीं करता, तब तक उनकी पार्टी पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 35ए  पर सुनवाई अगले साल 19 जनवरी तक स्थगित कर दी थी। यह फैसला चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने लिया था। 

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