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जानिए, कब-कब ममता ने मोदी सरकार से ली है टक्कर

पश्चिम बंगाल में केन्द्र और राज्य सरकार के बीच जमकर टकराव देखा जा रहा है। सीबीआई ने दावा किया कि पोंजी...
जानिए, कब-कब ममता ने मोदी सरकार से ली है टक्कर

पश्चिम बंगाल में केन्द्र और राज्य सरकार के बीच जमकर टकराव देखा जा रहा है। सीबीआई ने दावा किया कि पोंजी घोटालों में उसकी जांच में पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य की पुलिस रोड़े अटका रही है। जबकि पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि सीबीआई अधिकारी बिना सर्च वॉरन्ट के ही छापेमारी करने आए थे। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब ममता सरकार ने केन्द्र सरकार के खिलाफ ऐसा रूख अपनाया हो बल्कि और भी कई मामलों में सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीधे तौर पर मोदी सरकार से टक्कर लेती दिखीं हैं।

योगी का हेलिकॉप्टर नहीं दिया उतरने

दक्षिणी दिनाजपुर जिले में रविवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ की गणतंत्र बचाओ रैली होनी थी। लेकिन, राज्य सरकार ने पूर्व सूचना के बिना ही योगी के हेलिकॉप्टर उतारने की मंजूरी रद्द कर दी। इसके चलते सीएम योगी रैली में नहीं पहुंच पाए। इसके बाद उन्होंने फोन और ऑडियो लिंक के माध्यम से लोगों को संबोधित किया।

जीएसटी को लेकर आनाकानी

जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लागू करने के समय और तरीके को लेकर प.बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार लगातार विरोध करती रही। ममता के इस रुख से सरकार और ममता बनर्जी के बीच तकरार देखने को मिला। उस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था अभी जीएसटी को अपनाने के लिये तैयार नहीं है। साथ ही उनका कहना था कि इससे संबंधित नियम और प्रक्रियाएं अभी पूरी नहीं हुई हैं और इसके लिये 6 महीने का समय चाहिये। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद सरकार की ये 'दूसरी ऐतिहासिक गलती' है और केंद्र सरकार की जल्दबाजी का कोई कारण नहीं है। इस फैसले का बुरा परिणाम हो सकता है। बता दें कि उनकी पार्टी ने जीएसटी लागू किये जाने के लिये संसद में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया।

बंगाल में ममता बनर्जी ने रोकी 'आयुष्मान भारत' योजना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों राज्य में केंद्र सरकार की 'आयुष्मान भारत' योजना लागू नहीं होने की बात कही। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्य के योगदान की अनदेखी कर स्वास्थ्य योजनाओं का सारा श्रेय खुद ले रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में आयुष्मान भारत योजना को ममता स्वास्थ्य योजना के साथ विलय कर दिया गया था। वहां राज्य सरकार कुल लागत का 40 प्रतिशत कॉस्ट देती है। ममता ने कहा, 'मोदी सरकार जिस तरह से इस योजना को पेश कर रही है उसमें पारदर्शिता की कमी है। जिसके कारण बंगाल में इस योजना को वापस लेने का फैसला लिया गया है।'

बता दें कि 'आयुष्मान भारत' एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है जो 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों को 5 लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराती है। पश्चिम बंगाल सरकार ने 2017 में ऐसी ही एक 'स्वास्थ्य साथी' योजना शुरू की थी। जो राज्य के लोगों को पेपरलेस और कैशलेस स्मार्ट कार्ड के आधार पर सुविधाएं देती है।

बीजेपी की रथयात्रा को ममता की ना

पिछले साल दिसंबर में  पश्चिम बंगाल सरकार ने बीजेपी द्वारा निकाली जाने वाली रथयात्रा को परमिशन देने से इंकार कर दिया था। ममता बनर्जी सरकार का कहना था कि इससे राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैलेगा। उन्होंने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा था कि सभा करने पर किसी तरह की रोक नहीं है। लेकिन रथयात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी की ‘रथ यात्रा’ का मजाक बनाते हुए कहा था कि वो तो महज ‘रावण यात्रा’ है। उन्होंने कहा था कि राज्य के लोगों को उन इलाकों को शुद्ध करने के लिए आगे आना चाहिए जहां से बीजेपी का रथ गुजरेगा। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस आयोजन की एक और सियासी हथकंडे के तौर पर अनदेखी करें। ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल की जनता सांप्रदायिक ताकतों को बेनकाब करेगी। राज्य में बीजेपी नफरत का माहौल बना रही है जिसे किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि बीजेपी प्रमुख अमित शाह सात दिसंबर को उत्तर बंगाल स्थित कूच बिहार में हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ करने वाले थे।

केंद्र सरकार से डेटा शेयर नहीं करने के निर्देश

मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले महीने प्रदेश सरकार के अधिकारियों को स्‍पष्‍ट निर्देश दिया है कि वे केंद्र सरकार से बंगाल से जुड़े डेटा शेयर करना बंद कर दें। 24 परगना जिले में प्रशासनिक अधिकारियों संग हुई बैठक में ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सरकारी विभाग अपना खुद का पोर्टल बनाएंगे और डेटा सुरक्षित रखेंगे। ममता का आरोप है कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल से लिए डेटा का प्रयोग समाज के कुछ वर्गों में राजनीतिक संदेश भेजने के लिए कर रहा है।

ममती बनर्जी का कहना था, 'अब से हम अपने पोर्टल पर ही पश्चिम बंगाल से जुड़े डेटा सुरक्षित रखेंगे। हमें केंद्र से डेटा शेयरिंग बंद करनी होगी क्‍योंकि डेटा इकट्ठा करने के नाम पर वे लोग बहुत सारी चीजों को खुद के कंट्रोल में लेने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्र सरकार सीधे तौर पर संघीय ढांचे को प्रभावित कर रहा है जो उचित नहीं है। इससे पहले देश में ऐसा कभी नहीं हुआ। हमारी सरकार भी केंद्र की तरह ही चुनकर सत्‍ता में आई है।'

प. बंगाल के कॉलजों में नहीं हुआ पीएम मोदी का भाषण लाइव

सितंबर 2017 में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को लेकर जारी आदेश के खिलाफ ममता बनर्जी ने आदेश दिया था। मोदी शिकागो विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के संबोधन की 125वीं वर्षगांठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के शताब्दी समारोह के अवसर पर नई दिल्ली में विद्यार्थियों के एक सम्मेलन को संबोधित करने वाले थे। इस कार्यक्रम को यूजीसी ने देश भर के यूनिवर्सिटी और कॉलेज को लाइव दिखाने के लिए कहा था।

जबकि यूजीसी के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से कहा कि वह इसे नहीं मानें।

 

 

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