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आशा है PM मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण आर्थिक मंदी को लेकर उठाएंगे कारगर कदम: कांग्रेस

पीएम मोदी और वित्तमंत्री उठाएंगे कारगर कदमः कांग्रेस केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार...
आशा है PM मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण आर्थिक मंदी को लेकर उठाएंगे कारगर कदम: कांग्रेस

पीएम मोदी और वित्तमंत्री उठाएंगे कारगर कदमः कांग्रेस

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रोजगार से जुड़े आंकड़ों को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने कहा कि आशा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस समस्या का समाधान निकालने के लिए कारगर कदम उठाएंगे।

दरअसल, देश की जीडीपी दर में चौथी तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है। जनवरी-मार्च में जीडीपी दर घटकर 5.8 फीसदी तक पहुंच गई है। पिछले 9 महीने में देश में कृषि, उद्योग और मैनुफैक्चरिंग जैसे अहम सेक्टर में मंदी के चलते जीडीपी दर में यह गिरावट दर्ज की गई है।

आर्थिक विकास में गिरावट और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां

इन आंकड़ों को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपेन ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा, ‘आर्थिक विकास में गिरावट आई है और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री विकास के इंजन को गति देने और रोजगार पैदा करने की रणनीति बनाने के लिए लघुकालीन और दीर्घकालीन रूपरेखा तैयार करेंगे।’

पांच साल के निचले स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था

दुनिया की सबसे तेज इकोनॉमी के रूप में बढ़ने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था अपने पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर 5.8 फीसदी पर आ गई है। इसके पहले तीसरी तिमाही में यह 6.6 फीसदी पर थी। जीडीपी ग्रोथ रेट वित्त वर्ष 2018-19 में 6.8 फीसदी रही है। ग्रोथ रेट सात फीसदी से नीचे गिरने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही से ही लगातार गिर रही है। इसके पहले 2013-14 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी के सबसे निचले स्तर पर पहुंची थी।

आठ से गिरकर 5.8 फीसदी पर

केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की शुरूआत में अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन कर रही थी। पहली तिमाही में जहां ग्रोथ 8.0 फीसदी थी, वहीं दूसरी तिमाही आते-आते मंदी का असर दिखने लगा, ग्रोथ रेट सीधे एक फीसदी गिरकर 7.0 फीसदी तो तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर आ गई।

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