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भारत-चीन की सेना के बीच गतिरोध पर कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा- सरकार स्थिति करे स्पष्ट

कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध एक गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है।...
भारत-चीन की सेना के बीच गतिरोध पर कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा- सरकार स्थिति करे स्पष्ट

कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध एक गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है। पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार से देश को विश्वास में लेने और लोगों की चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया।

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि लद्दाख त्सो झील और गालवान घाटी क्षेत्रों में चीनी सेना द्वारा किए गए हमले के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध "गंभीर राष्ट्रीय चिंता" का विषय है। एक बयान में, उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ने और लगातार गतिरोध को लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में आई अलग-अलग खबरों ने लोगों में चिंता पैदा की है।

राष्ट्र को विश्वास में  लिया जाए

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कांग्रेस पार्टी भारत सरकार से लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए राष्ट्र को विश्वास में लेने का आग्रह करती है।" पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को सरकार से चीन सीमा मुद्दे पर अधिक पारदर्शी होने और लद्दाख में सीमा पर क्या हो रहा है, इस पर स्पष्ट बताने का आग्रह किया था।

दोनों  देशों के बीच बना है गतिरोध

मई की शुरुआत से ही दोनों ओर से निर्माण के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध बना हुआ है। इस बाबत पिछले कई दिनों से केंद्र और सेना प्रमुखों के साथ बैठक का दौर जारी है। इस बीच बुधवार को चीन ने कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति स्थाई और नियंत्रण में है। इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़ा बयान देते हुए अपनी सेनाओं को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा था।

वहीं,भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों की नई दिल्ली में सम्मेलन आयोजित की गई, जिसमें सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर उत्पन्न हुए हालात पर चर्चा हुई। इस सम्मेलन की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने की। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस बैठक में लद्दाख सहित सभी सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा हुई।

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