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महाराष्ट्र में सरकार बनाने का असमंजस हो सकता है खत्म, राज्यपाल ने भाजपा से मांगी जानकारी

महाराष्ट्र में 15 दिनों तक चली अटकलों के बीच शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़े दल के तौर...
महाराष्ट्र में सरकार बनाने का असमंजस हो सकता है खत्म, राज्यपाल ने भाजपा से मांगी जानकारी

महाराष्ट्र में 15 दिनों तक चली अटकलों के बीच शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़े दल के तौर पर भाजपा से सरकार बनाने को लेकर जानकारी मांगी है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा कैसे बहुमत साबित कर पाती हैं जबकि शिवसेना से उसकी साफ नहीं हो पाई है। आज आधी रात को महाराष्ट्र में 13वीं विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। वहीं, खींचतान के बीच कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का डर बना हुआ है।

24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद सरकार गठन को लेकर लगातार गतिरोध बना हुआ है। भाजपा के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ी शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है और ढाई साल तक अपना मुख्यमंत्री चाहती है जबकि भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है। भाजपा का कहना है कि शिवसेना से उसका इस तरह का कोई समझौता नहीं हुआ है।

इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया था। वह अभी कार्यवाहक सीएम हैं। इस्तीफा देने के बाद फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना पर निशाना साधा था। इसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेतृत्व पर हमला किया था।

निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन का दावा

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य भाजपा के प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा कि राज्यपाल ने संवैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार प्रक्रिया शुरू की है। भंडारी ने बताया, "हम रविवार को पार्टी की राज्य कोर कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद राज्य अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल इस संबंध में आवश्यक कदम उठाएंगे।"

105 सदस्यों के अलावा, भाजपा ने कई निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन का दावा किया है, हालांकि उसके पास सटीक आंकड़े नहीं हैं और यह भी नहीं मालूम कि 288 सदस्यीय विधानसभा में 145 के साधारण बहुमत को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त होंगे या नहीं।

विशेषज्ञों ने कहा कि अगर भाजपा पर्याप्त संख्या में नहीं बन पाती है, तो राज्यपाल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी - शिवसेना के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस को आमंत्रित करेंगे ताकि अगली सरकार बनाने की संभावना का पता लगाया जा सके।

एनसीपी विरोध में करेगी वोट

पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि एनसीपी ने मुंबई में मंगलवार को अपने सभी नव-निर्वाचित विधायकों की एक बैठक बुलाई है, जिसे पार्टी प्रमुख शरद पवार करेंगे। मलिक ने कहा, "हम राज्यपाल के इस कदम का स्वागत करते हैं, हालांकि यह बिलकुल सही है। हम राज्यपाल से यह भी अनुरोध करते हैं कि वे संतुष्ट करें कि क्या भाजपा अपना बहुमत साबित कर सकती है, और यह सुनिश्चित करें कि कोई 'हॉर्स-ट्रेडिंग' न हो। उन्होंने घोषणा भी की कि एनसीपी फ्लोर टेस्ट में भाजपा के खिलाफ मतदान करेगी और उसके बाद अपनी आगे की राजनीतिक रणनीति बनाएगी।

सीएम पद को लेकर नहीं बनी सहमति

विधानसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था और भाजपा 105 सीट हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनी तो शिवसेना को 56 सीटें मिली  हैं। गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलने के बावजूद दोनों पार्टियों में सीएम पद को लेकर सहमति नहीं बन रही है। शिवसेना चुनाव पूर्व फॉर्मूले के तहत 50-50 की बात कर रही है और आधे कार्यकाल अपना सीएम चाहती है जबकि भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है। 

विधायकों की खरीद-फरोख्त का डर

सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध  के बीच कांग्रेस, एनसीपी के साथ ही शिवसेना को भी अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। कांग्रेस ने जहां अपने विधायकों को जयपुर भेजने का फैसला किया है तो वहीं शिवसेना ने अपने 56 विधायकों को शुक्रवार शाम बांद्रा के रंग शारदा होटल की जगह मलाड स्थित द रीट्रीट होटल में ठहराया है। वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी अपने विधायकों को एकजुट करने में जुट गए हैं।

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