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गोपीनाथ मुंडे की हत्या के दावे को लेकर भतीजे धनंजय मुंडे ने की रॉ से जांच की मांग

ईवीएम हैकिंग के दावे ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। एक साइबर एक्सपर्ट ने साल 2014 में...
गोपीनाथ मुंडे की हत्या के दावे को लेकर भतीजे धनंजय मुंडे ने की रॉ से जांच की मांग

ईवीएम हैकिंग के दावे ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। एक साइबर एक्सपर्ट ने साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में ईवीएम हैकिंग का दावा किया है। साथ ही उसका कहना है कि पिछले लोकसभा चुनावों में ईवीएम हैकिंग की जानकारी होने की वजह से भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की हत्या हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत को लेकर हैकर के दावों पर उनके भतीजे और एनसीपी  नेता धनंजय मुंडे ने जांच की मांग की है।

भाजपा नेता के भतीजे धनंजय मुंडे ने मामले की जांच रॉ या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता मुंडे ने अमेरिका में रह रहे भारतीय स्वयंभू साइबर विशेषज्ञ के दावे पर हैरानी जताई।

उन्होंने कहा कि गोपीनाथ मुंडे से प्रेम करने वालों ने उनकी मृत्यु पर हमेशा सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा है कि यह दुर्घटना थी या कोई साजिश। उन्होंने ट्वीट किया है, एक साइबर विशेषज्ञ ने सनसनीखेज दावा किया है कि गोपीनाथ राव मुंडे साहेब की हत्या की गई। इन दावों की तुरंत रॉ/उच्चतम न्यायालय से जांच कराने की जरूरत है क्योंकि यह एक जननेता से जुड़े हैं।

गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिलने के कुछ ही सप्ताह के भीतर दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना में गोपीनाथ मुंडे की मृत्यु हो गई थी।

क्या है दावा?

अमेरिका में राजनीतिक शरण चाह रहे एक भारतीय साइबर एक्सपर्ट ने सोमवार को सनसनीखेज दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये ‘धांधली’ हुई थी। उसका दावा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। स्काइप के जरिये लंदन में प्रेस को संबोधित करते हुए सैयद शुजा ने दावा किया कि भाजपा नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की ‘हत्या’ की गई क्योंकि उन्हें 2014 के आम चुनावों में ईवीएम को हैक किये जाने के बारे में जानकारी थी। मुंडे की मई 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के कुछ सप्ताह बाद ही नयी दिल्ली में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। शुजा ने यह भी दावा किया कि मुंडे की मौत की जांच कर रहे एनआईए अधिकारी तंजील अहमद इस बात का पता लगने के बाद हत्या का मामला दर्ज करने की योजना बना रहे थे, लेकिन उन्हीं की हत्या हो गई।

कांग्रेस ने भी की जांच की मांग

इन दावों को ‘गंभीर’ करार देते हुए कांग्रेस ने कहा कि इससे जुड़े तथ्यों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पार्टी ने यह भी कहा कि ईवीएम से जुड़े ‘संदेह’ को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे।

पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर दूं कि कांग्रेस का इससे (लंदन के आयोजन) कोई सरोकार नहीं है। कपिल सिब्बल ने खुद कहा है कि वहां वह कांग्रेस का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं। भाजपा की शुरू ये ही रुख रहा है कि संदेश देने वाले को निशाना बनाया जाए ताकि संदेश को गुम कर दिया जाए।’’

चुनाव आयोग ने दावे को किया खारिज

इन दावों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि वह अपनी मशीनों की पुख्ता प्रकृति के बारे में अनुभवजनित तथ्यों पर पूरी तरह कायम है और वह इस बात पर विचार कर रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और क्या कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिये।

नई दिल्ली में जारी एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि वह ‘‘इस दुर्भावना से प्रेरित बहस का हिस्सा बनने को लेकर सावधान है और वह भारतीय चुनावों में इस्तेमाल होने वाले ईसीआई के ईवीएम की पुख्ता प्रकृति के अनुभवजनित तथ्यों के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है।’’

आयोग ने कहा, ‘‘इस बात पर अलग से विचार किया जा रहा है कि मामले में क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है और क्या कार्रवाई की जानी चाहिये।’

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