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क्या करना चाहते हैं गुलाम नबी आजाद, साथ देने के लिए सिब्बल, मनीष तिवारी से लेकर राज बब्बर पहुंच गए जम्मू

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी शनिवार को चुनावी राज्य तमिलनाडु दौरे पर रहे।...
क्या करना चाहते हैं गुलाम नबी आजाद, साथ देने के लिए सिब्बल, मनीष तिवारी से लेकर राज बब्बर पहुंच गए जम्मू

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी शनिवार को चुनावी राज्य तमिलनाडु दौरे पर रहे। लेकिन, कांग्रेस के भीतर अब खुलकर रार सामने आ रही है। शनिवार को जम्मू में कांग्रेस के 23 नेताओं ने शांति सम्मेलन आयोजित किया। इसमें कांग्रेस पार्टी के जी -23 सदस्यों में से एक गुलाम नबी आज़ाद ने द गांधी ग्लोबल फैमिली इवेंट के लिए अपने सहयोगियों को भी आमंत्रित किया, जिसमें कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, भूपिंदर हुड्डा और राज बब्बर शामिल हैं। राज्यसभा के नेता विपक्ष के तौर पर विदाई के बाद आजाद के इस कार्यक्रम को लेकर कई तरह के राजनीतिक संदेश निकाले जा रहे हैं। दरअसल ये वही कांग्रेस के 23 नेता हैं जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके और नेतृत्व पर सवाल उठाया था। तभी से इन नेताओं के समूह को G-23 नाम से चर्चा मिली। इन्हीं नेताओं की जम्मू में बैठक हुई।  


बैठक में सिब्बल ने कांग्रेस को लेकर बड़ी बातें कह दी। सिब्बल ने कहा, "सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं। हमें इकट्ठा होकर पार्टी को मजबूत करना है। गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है।" 

वहीं, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है। राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी। जब तब यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोज़गारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी। मैं राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं।

राहुल के त्रिवेंद्रम में दिए बयान को लेकर अभी भी राजनीति खत्म नहीं हुई है। पहले बीजेपी ने देश को क्षेत्र के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। पिछले दिनों कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने भी राहुल गांधी को नसीहत दी थी। अब कांग्रेस के भीतर भी इस बयान को लेकर गुटबाजी होने लगी है। उत्तर भारत से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के नेता शनिवार को जम्मू में बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

 

इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा विवेक तन्खा भी शामिल  हुए। कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी द्वारा दिए इस बयान को लेकर नसीहत दी थी। सिब्बल ने कहा था कि हमें सभी वोटरों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा था। सिब्बल ने कहा, “बटवारे की राजनीति तो भाजपा करती है। मतदाता चाहे उत्तर भारत का हो या फिर दक्षिण भारत का सभी मतदाताओं को वोट देने की समझ है। मैं कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। मतदाता कहीं का भी हो उसे इज्जत देनी चाहिए।“

दरअसल, त्रिवेंद्रम की एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, “पिछले 15 साल मैं उत्तर भारत से सांसद रहा। मुझे अलग तरह की राजनीति करने की आदत थी। केरल आना मेरे लिए नया अनुभव था। मैंने देखा है कि यहां के लोगों को मुद्दों में दिलचस्पी है।“

 

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