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महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की चार उम्मीदवारों की लिस्ट, दिग्गजों को किया नजरअंदाज

महाराष्ट्र विधान परिषद के 21 मई को होने वाले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने चार उम्मीदवारों की...
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की चार उम्मीदवारों की लिस्ट, दिग्गजों को किया नजरअंदाज

महाराष्ट्र विधान परिषद के 21 मई को होने वाले चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने चार उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। भाजपा ने अपने पुराने और दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज कर नए चेहरों के नाम तय किए हैं। जिन चार उम्मीदवारों को उतारा है, उनमें प्रवीण दटके, गोपीचंद पाडलकर, अजित गोपछड़े और रणजीत सिंह मोहिते पाटिल हैं।

भाजपा की सूची में राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे और पंकजा मुंडे को जगह नहीं मिली। पंकजा मुंडे 2019 का विधानसभा चुनाव पराली से अपने चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे से हार गई थीं जबकि  खडसे को पार्टी ने विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया था और हाल में घोषणा की थी कि वे 21 मई में होने वाला चुनाव लड़ना चाहेंगे।

रणजीत हैं एनसीपी के पूर्व सांसद

एनसीपी के पूर्व सांसद रणजीत सिंह मोहित पाटिल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। वे महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहित पाटिल के पुत्र हैं। रंजीत सिंह आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हुए, उनके पिता ने औपचारिक रूप से ऐसा नहीं किया। गोपीचंद पडालकर वंचित बहुजन अगाड़ी छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। पिछले साल के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल होने वाले पाडलकर ने बारामती से अजीत पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था। पवार ने छह लाख से अधिक मतों के अंतर से अपनी सीट बरकरार रखी थी।

चुनाव आयोग ने किया था तारीख का ऐलान

बीते शुक्रवार को चुनाव आयोग चुनाव ने तारीख का ऐलान कर एक तरह से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ी राहत दी थी। चुनाव न होने की वजह से उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री पद की कुर्सी खतरे में पड़ सकती थी। आयोग के इस फैसले से ठाकरे के लिए वाया विधान परिषद, विधायक बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। संविधान के मुताबिक, उनके लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य बनने की अनिवार्य समय सीमा 28 मई को समाप्त हो रही है।  

उद्धव ठाकरे को नामित करने पर नहीं माने राज्यपाल

कोरोना संकट के कारण विधान सभा की किसी सीट पर उपचुनाव संभव नहीं होने के कारण ठाकरे ने राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीट पर उन्हें मनोनीत करने का कोश्यारी से अनुरोध किया था। राज्य विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की दो सीट सुरक्षित हैं। हालांकि राज्यपाल ने ठाकरे को मनोनीत करने के बजाय आयोग से विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के अनुरोध पर आयोग ने कोरोना संकट के मद्देनजर चुनाव कराने पर लगाई गई पाबंदी में विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए ढील देने का फैसला किया।

नौ सीटों पर हो रहे हैं चुनाव

24 अप्रैल को रिटायर होने के बाद खाली हुई नौ सीटों को भरने के लिए विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव हो रहे हैं, जिन्हें 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुनेंगे। उम्मीदवार को विजयी हिने के लिए 29 मत चाहिए। भाजपा के 105 विधायक हैं और उसका दावा है कि उसे छोटे दलों के 11 सदस्य और और निर्दलीयों का समर्थन है। अपने चार उम्मीदवारों को निर्वाचित करने के लिए उसे प्रथम वरीयता के 116 मतों की आवश्यकता है।

वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों सहयोगियों के बीच बातचीत चल रही है और कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार उतारने के लिए कह रही है। अगर पांच से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं तो चुनाव होगा। सदन में विश्वास मत के दौरान, एमवीए ने 169 विधायकों के समर्थन का समर्थन मिला था  जबकि चार विधायकों (सीपीएम 1, एमएनएस 1, एआईएमआईएम 2) को सदन से गैर हाजिर रहे।

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