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महाराष्ट्र में शनिवार को ही हो सकता है फ्लोर टेस्ट, राज्यपाल ने तीन दिसंबर तक का दिया था वक्त

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार कल यानी शनिवार को अपना बहुमत सिद्ध कर सकती है। इसकी तैयारियां शुरू हो गई...
महाराष्ट्र में शनिवार को ही हो सकता है फ्लोर टेस्ट, राज्यपाल ने तीन दिसंबर तक का दिया था वक्त

महाराष्ट्र में उद्धव सरकार कल यानी शनिवार को अपना बहुमत सिद्ध कर सकती है। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक उद्धव सरकार शनिवार की दोपहर दो बजे बहुमत सिद्ध करा सकती है।

विधान भवन सूत्रों ने बताया कि उद्धव ठाकरे नीत सरकार शनिवार को विश्वास मत का सामना कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार करने से पहले बहुमत परीक्षण करा लेना चाहती है। वहीं शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यभार भी संभाल लिया है। मंत्रालय में कार्यभार संभालने के बाद उद्धव ने सेक्रेटरी के साथ बैठक की। ठाकरे ने गुरुवार को 18वें मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

प्रोटेम स्पीकर को बदलने पर विचार

विधानसभा प्रोटेम स्पीकर को बदलने को लेकर भी चर्चा की खबरे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे लेकर ट्वीट कर शिवसेना की नई सरकार पर निशाना साधा है। देवेंद्र फडणवीस ने लिखा कि पहली कैबिनेट में सरकार ने किसानों की राहत पर चर्चा नहीं की बल्कि बहुमत को लेकर चर्चा की। यदि बहुमत नहीं है तो फिर ऐसा क्यों किया जा रहा है। प्रोटेम स्पीकर को बदलने पर क्यों विचार हो रहा है। महाराष्ट्र को जवाब चाहिए।

मोदी को छोटे भाईउद्धव के साथ सहयोग करना चाहिए: शिवसेना

शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संबंध भाई समान हैं और मोदी की यह जिम्मेदारी है कि वह राज्य की कमान संभाल रहे अपने ‘छोटे भाई’ के साथ सहयोग करें। केंद्र को संबोधित करते हुए शिवसेना ने कहा कि दिल्ली को महाराष्ट्र की जनता के निर्णय का सम्मान करना चाहिए और यह ध्यान रखना चाहिए कि राज्य सरकार की स्थिरता को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।

गुरुवार शाम उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी द्वारा उन्हें दी गई शुभकामनाओं की पृष्ठभूमि में शिवसेना ने यह टिप्पणी अपने मुखपत्र सामना में की। मोदी शिवसेना प्रमुख ठाकरे को पहले कभी अपना ‘छोटा भाई’ बता चुके हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच रिश्ते तल्ख हो गए थे।

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