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पायलट समर्थकों ने गहलोत सरकार के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, आवाज दबाने का आरोप; कहा- राहुल गांधी नहीं सुने तो दूंगा इस्तीफा

कांग्रेस में अब खुलकर बगावत के सुर गूंजने लगे हैं। पहले से पार्टी में दिख रहे कलह अब पार्टी के पूर्व...
पायलट समर्थकों ने गहलोत सरकार के खिलाफ फिर खोला मोर्चा, आवाज दबाने का आरोप; कहा- राहुल गांधी नहीं सुने तो दूंगा इस्तीफा

कांग्रेस में अब खुलकर बगावत के सुर गूंजने लगे हैं। पहले से पार्टी में दिख रहे कलह अब पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के पास पहुंच गया है। ये मामला विधानसभा में एससी-एसटी विधायकों को बिना माइक लगे सीटें आवंटित करने और अब तक न लगाए जाने को लेकर है। राज्य के पूर्व मंत्री और सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले नेता रमेश मीना ने इस मामले को उठाया है। मीना ने गहलोत सरकार और कुछ मंत्रियों पर आरोप लगाया है कि सरकार और कुछ मंत्री राज्य के दलितों की आवाज को दबाने का काम कर रही है। इसीलिए अभी तक इन सीटों पर माइक नहीं लगवाया गया है। जबकि, सरकार के पास सारे संसाधन और राजस्व उपलब्ध है। मीना ने यहां तक कहा है कि यदि उनकी बातों नहीं सुना जाता है तो वो इस्तीफा दे देंगे।

आउटलुक से बातचीत में रमेश मीना कहते हैं, "बीते साल से ही इन सीटों पर माइक नहीं है। हमें बिना माइक वाली सीटों को आवंटित कर दिया गया। कई बार इस बारे में सीएम गहलोत से शिकायत की गई है। हम कुछ विधायकों की आवाज को सरकार में बैठे मंत्री नहीं सुनते हैं। यदि हमारी बातों को आलाकमान नहीं सुनती है तो इस्तीफा दे दूंगा।"  गहलोत सरकार पर मीना भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाते हैं। वो कहते हैं, ''राज्य में कांग्रेस को कमजोर करने का काम पार्टी के भीतर के लोग ही कर रहे हैं। सरकार का पैसा सिर्फ जयपुर और कोटा जा रहा है। गहलोत सरकार में बैठे कुछ मंत्री अपना पेट भरने का काम कर रहे हैं। राज्य में विकास शून्य हो चला है।"

मीना के अलावा विधायक वेद प्रकाश सोलंकी और विधायक मुरारी मीना ने भी राज्य में नेतृत्व और उनकी आवाज न सुनने के आरोप लगाए हैं। नेताओं का कहना है कि उनकी बातों को मंत्रि नहीं सुन रहे हैं। सरकार में पिछड़ों की आवाज को अनसुना किया जा रहा है और दबाया जा रहा है। ये सभी पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक माने जाते हैं।

रमेश मीना पायलट समर्थक विधायक माने जाते हैं। राज्य में चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं। लेकिन, इसकी तारीख का ऐलान अभी तक नहीं हुआ। जबकि सहाड़ा सीट को खाली हुए छह महीने के करीब समय होने जा रहा है। चुनाव आयोग को अभी तक तारीखों का ऐलान कर देना चाहिए था। आउटलुक से बातचीत में मीना कहते हैं, "इस पर चुनाव आयोग को सोचना चाहिए कि क्यों देरी हो रही है।" वहीं, गहलोत सरकार में लंबे समय से अटके मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मीना कहते हैं, "उन्हें किसी पद का लोभ नहीं है लेकिन न्याय सभी के साथ होना चाहिए।" गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए रमेश मीना कहते हैं कि जो उनके करीब होंगे उन्हें जगह दी जाएगी।

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