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सोनिया-राहुल ने सीडब्ल्यूसी बैठक से खुद को किया अलग, नहीं होंगे अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया का हिस्सा

कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक चल रही है।...
सोनिया-राहुल ने सीडब्ल्यूसी बैठक से खुद को किया अलग, नहीं होंगे अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया का हिस्सा

कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक चल रही है। बैठक में राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियंका गांधी वाड्रा, सचिन पायलट, जितिन प्रसाद, सिद्धरमैया और अन्य शामिल हैं। हालांकि, बाद में नए अध्यक्ष को चुनने की प्रकिया से सोनिया गांधी और राहुल गांधी बाहर हो गए। उन्होंने कहा कि वे अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होंगे, इसलिए सलाह प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया से खुद को अलग करने के बाद सोनिया गांधी ने कहा, “हम इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकते।” सीडब्ल्यूसी बैठक से बाहर आने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह बाढ़ से प्रभावित अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड जा रहे हैं।

सोनिया गांधी ने कहा कि नए पार्टी अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया वाली सलाहकार समूह में गलती से उनका नाम शामिल किया गया था।

पार्टी अध्यक्ष के लिए इन नेताओं के नाम की चर्चा

पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है। हालांकि, पार्टी का नया चीफ कौन होगा और इसके चयन को लेकर क्या व्यवस्था होगी, इसे लेकर शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की अहम बैठक होने जा रही है।

सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक अहमद पटेल, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल सोनिया गांधी से मिले। माना जा रहा है कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के लिए कुछ नामों पर चर्चा की है। वहीं, पार्टी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चाहते हैं कि लगातार और वृहद चर्चा के बाद ही पार्टी के नेता नए अध्यक्ष का फैसला करें। राहुल गांधी नए अध्यक्ष के लिए वृहद स्तर पर चर्चा की बात कर रहे हैं। पार्टी के अन्य नेता इस पर लगातार चिंता जाहिर कर रहे हैं कि नेतृत्वविहीन पार्टी होने से पार्टी को नुकसान हो रहा है और राहुल को अपना काम जारी रखना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है कि पार्टी को आगे बढ़ना होगा।

राहुल गांधी पहले ही नेताओं से कह चुके हैं कि उन्होंने पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से अनुरोध किया है कि नए अध्यक्ष का चुनाव करने से पहले 3-4 दिनों में ज्यादा से ज्यादा लोगों के मत और विचार ले लिए जाएं। राहुल गांधी को इस्तीफा दिए 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है।

अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस के ढीले रवैये से पार्टी को हुआ नुकसान

दूसरी ओर पार्टी के कई नेता इस पर नाराज हैं कि अनुच्छेद 370 पर कांग्रेस के ढीले रवैये से पार्टी को खासा नुकसान हुआ है। पार्टी के नेता इस बात पर भी चिंता जाहिर कर चुके हैं कि नेतृत्व संकट से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है और कई लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। राहुल गांधी मानते हैं कि पार्टी में हर कोई दबाव में है लेकिन जो कुछ हुआ वो मेरे मत से अच्छा है क्योंकि हम लंबे समय से कंफर्ट जोन में थे। दरअसल, राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से बनी असमंजस की स्थिति और नेतृत्व के संकट ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आर्टिकल 370 सहित कई मुद्दों पर पार्टी के नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं। कई नेता धीरे-धीरे पार्टी को अलविदा भी कह रहे हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी युवा नेता को सौंपने का सुझाव दिया और फिर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम की पैरवी की। कांग्रेस के कई दूसरे नेता भी अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका के नाम की पैरवी कर चुके हैं। हालांकि, तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो पाई है।

'गांधी परिवार का सदस्य नहीं होगा अध्यक्ष'

बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। हालांकि, राहुल अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा। अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए राहुल ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी वह पार्टी के लिए सक्रियता से काम करते रहेंगे। बाद में उनके समर्थन में कई नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया था।

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