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गांधी परिवार की SPG सुरक्षा हटाए जाने के खिलाफ कांग्रेस का हंगामा, सदन से किया वॉकआउट

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी...
गांधी परिवार की SPG सुरक्षा हटाए जाने के खिलाफ कांग्रेस का हंगामा, सदन से किया वॉकआउट

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिए गए एसपीजी सुरक्षा को हटने को लेकर राजनीति गरमाती जा रही है। कांग्रेस ने सरकार के इस कदम की घोर आलोचना की है और कहा है कि सरकार इस तरह के काम 'बदले की राजनीति' के तहत कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की केंद्र सरकार से एसपीजी सुरक्षा को बहाल करने की मांग की है। इसे लेकर संदन में भी कांग्रेस का विरोध जारी है। कांग्रेस ने लोकसभा में आज स्थगन प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी आम सुरक्षा प्राप्त नहीं हैं। वाजपेयी जी ने गांधी परिवार के लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा की अनुमति दी थी। 1991 से 2019 में एनडीए दो बार सत्ता में आया लेकिन गांधी परिवार का एसपीजी कवर कभी नहीं हटाया गया।

सदन से किया वॉकआउट

 

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। साथ ही वह सदन से वॉक आउट भी कर गए। कांग्रेस की मांग है कि एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दें। इस मामले में द्रमुक के सदस्य भी कांग्रेस के समर्थन में आ गए और उन्होंने भी आसन के पास जाकर नारेबाजी की। कांग्रेस और द्रमुक के सदस्यों ने ‘बदले की राजनीति बंद करो’, ‘एसपीजी के साथ राजनीति करना बंद करो’ और ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए।

संसद में भी गूंजा एसपीजी का मुद्दा

कांग्रेस ने सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में भी इस कदम की आलोचना की और कहा कि सरकार ऐसा ‘बदले की राजनीति’ के तहत कर रही है। एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने से खफा असम के सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने सोमवार को लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव दिया। अपने दावे के समर्थन में कांग्रेस ने न्यायमूर्ति जेएस वर्मा आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या सुरक्षा में चूक के कारण हुई।

इससे पहले एसपाजी सुरक्षा को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन भी किया। नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे (सरकार) सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा को कम कर दिया गया है और उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा प्रदान की गई है।

एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पुतला जलाकर किया विरोध

सोमवार को गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने को राजनीतिक साजिश बताते हुए कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को दिग्विजय कॉलेज के सामने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का पुतला जलाया। एनएसयूआई के पदाधिकारियों का कहना है कि एक तरफ केन्द्र सरकार कांग्रेस की प्रमुख नेत्री सोनिया गांधी के परिवार की सुरक्षा घटा रही है और यहां छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और उनके पुत्र में भरपूर सुरक्षा दी जा रही है जबकि ये प्रदेश में सत्ता में नहीं हैं।

सोनिया, राहुल और प्रियंका को 28 साल पहले मिली थी एसपीजी सुरक्षा

जानकारी के मुताबिक, सोनिया, राहुल और प्रियंका को 28 साल पहले एसपीजी सुरक्षा दी गई थी। उन्हें सितंबर 1991 में एसजीपी कानून 1988 के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था, जिसको अब वापस ले लिया गया है। इस फैसले के साथ करीब 4,000 बल वाला एसजीपी अब केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में ही तैनात रहेगा।
1985 में की गई थी एसपीजी की स्थापना

बता दें कि इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्डों द्वारा हत्या करने के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए साल 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी। साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में संशोधन किया गया और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को अगले 10 साल तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया। साल 2003 में वाजपेयी सरकार में इस एक्ट में संशोधन किया गया और वह दस साल की सीमा को एक साल कर दिया गया। इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया कि खतरे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार सुरक्षा की समय सीमा तय करेगी।

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