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कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल के बीच कांग्रेस का 'लोकतंत्र बचाओ दिवस'

कर्नाटक में सियासी नाटक चरम पर है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस हाई वोल्टेज ड्रामे में...
कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल के बीच कांग्रेस का 'लोकतंत्र बचाओ दिवस'

कर्नाटक में सियासी नाटक चरम पर है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इस हाई वोल्टेज ड्रामे में बराबर की भूमिका निभाती नजर आ रही हैं।

कर्नाटक के राज्यपाल की ओर से भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने और फिर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने के बाद कांग्रेस ने विरोध तेज कर दिया है। इसके खिलाफ कांग्रेस शुक्रवार को भी देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है।

कांग्रेस आज पूरे देश में 'लोकतंत्र बचाओ' दिवस मना रही है। वहीं बिहार से लेकर गोवा तक नेता कह रहे हैं कि कर्नाटक के जैसे ही उनके राज्यों में फैसला हो और सबसे बड़े दल को विश्वास मत हासिल करने का अवसर दिया जाए। कांग्रेस इसे एक बड़े आंदोलन में बदलने की तैयारी में है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि यदि कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिलता है तो फिर गोवा, बिहार, मणिपुर और मेघालाय की सरकारों को इस्तीफा देना चाहिए और वहां की सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिले। कांग्रेस का कहना है कि जो कर्नाटक में सरकार बनाने का पैमाना बना, उसे दूसरे राज्यों में भी लागू किया जाए।

कर्नाटक की तर्ज पर कांग्रेस गोवा, मेघालय और मणिपुर में विरोध-प्रदर्शन करेगी। मणिपुर और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री क्रमशः इबोबी सिंह और मुकुल संगमा ने अपने-अपने राज्यों के राज्यपालों से मुलाकात के लिए समय मांगा है।

बिहार में भी आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने परेड कर सबसे बड़ा एकल गठबंधन होने का दावा करते हुए सरकार बनाने का मौका दिए जाने की मांग की है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कर्नाटक के गवर्नर पर भाजपा के साथ तालमेल करने और कर्नाटक में सरकार गठन में "पक्षपातपूर्ण" भूमिका निभाने का आरोप लगाया।

उन्होंने येदियुरप्पा को आमंत्रित करके लोकतंत्र की "हत्या" और संविधान के साथ्‍ा "छेड़छाड़" करने का भी आरोप लगाया।

इधर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने अपने पत्र में कहा, "राज्यपाल ने न केवल अपने कार्यालय की गरिमा को कमजोर किया है बल्कि  उन्होंने एक असंवैधानिक तरीके से भी कार्य किया है। यह खतरनाक उदाहरण भारत के लोकतंत्र के दिल पर हमला करता है और आने वाले सभी चुनावों के लिए गंभीर परिणाम दिखाता है।"

गौरतलब है कि गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में रातोंरात हाई वोल्टेज कानूनी लड़ाई के बाद भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

75 वर्षीय मजबूत लिंगायत नेता को उनके समर्थकों द्वारा जोरदार उत्साह के बीच राजभवन के एक समारोह में गवर्नर वजुभाई वाला ने शपथ दिलाई।

अब बहुमत साबित करने के लिए येदियुरप्पा के पास 24 घंटे से भी कम का समय है। सदन में भाजपा के 104 विधायक हैं, 112 के जादु आंकड़े से वह आठ सीट दूर है। चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने भी हाथ मिलाकर सरकार बनाने का दावा किया है।

 

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