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सोनिया गांधी ने सुभाष चोपड़ा-पीसी चाको का इस्तीफा किया मंजूर, शक्ति सिंह गोहिल बने अंतरिम प्रभारी

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई जिसके चलते नेताओं ने एक दूसरे पर ठींकरा फोड़ना...
सोनिया गांधी ने सुभाष चोपड़ा-पीसी चाको का इस्तीफा किया मंजूर, शक्ति सिंह गोहिल बने अंतरिम प्रभारी

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई जिसके चलते नेताओं ने एक दूसरे पर ठींकरा फोड़ना शुरु कर दिया। मचे घमासान के बीच दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने अपना इस्तीफा दे दिया था। अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली का अंतरिम एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया गया है।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी चाको और चोपड़ा के योगदानों की सराहना करती है। इस बीच, पार्टी नेताओं में लगातार दूसरी बार हार के बाद आपसी बयानबाजी तेज हो गई। सभी नेता इस हार के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

चाको ने साधा शीला पर निशाना

हार के लिए चाको पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भी दोषी ठहराते दिखे। चाको ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी का डाउनफॉल 2013 में शुरू हुआ, जब शीला जी सीएम थीं। एक नई पार्टी आप ने पूरे कांग्रेस वोट बैंक को छीन लिया। तब से हम इसे कभी वापस नहीं पा सके। यह अभी भी आप के साथ बना हुआ है।'

नतीजों के बाद सुभाष चोपड़ा ने दिया इस्तीफा

चाको से पहले दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। चोपड़ा ने कहा था, अध्यक्ष होने के नाते मैं लोगों को समझाने में नाकाम रहा, हार की जिम्मेदारी लेता हूं। हम पार्टी के प्रदर्शन के पीछे क्या कारण रहे इस पर विचार करेंगे। हमारे वोटों में गिरावट का बड़ा कारण आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी द्वारा किया गया ध्रुवीकरण है। अरविंद केजरीवाल को बधाई, लेकिन अपने काम की वजह से नहीं चतुराई और विज्ञापनों की वजह से वह जीते हैं।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने साधा निशाना

इससे पहले दिल्ली महिला कांग्रेस की चीफ शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी ही पार्टी के नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को दिल्ली चुनाव में बीजेपी की हार और आम आदमी पार्टी (आप) की जीत पर उनके एक ट्वीट को लेकर आड़े हाथों लिया। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और पार्टी प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पी चिंदबरम से पूछा है कि क्या हमने बीजेपी को हराने का ठेका आम आदमी पार्टी को दे दिया है?

कांग्रेस नेताओं का तंज

दिल्ली विधानसभा चुनाव के एक दिन बाद ही शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पी चिदंबरम पर हमला बोला और पूछा कि अगर कांग्रेस ने आउटसोर्स ही कर लिया है तो हमें अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए? बुधवार को अपने ट्वीट में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने लिखा, 'सम्मान के साथ, चिदंबरम सर मैं बस जानना चाहती हूं कि कांग्रेस ने राज्यों में बीजेपी को हराने का काम ठेके पर दे दिया है (आउटसोर्स किया है) क्या? अगर नहीं, तो फिर हम अपनी हार के बजाय आम आदमी पार्टी की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं? और अगर आउटसोर्स किया है तो हमें (पीसीसी) अपनी दुकान को बंद कर देना चाहिए।'

आप की जीत पर चिदंबरम ने किया था ये ट्वीट

दरअसल, पी चिदंबरम ने आम आदमी पार्टी की जीत पर ट्वीट कर खुशी का इजहार किया था। उन्होंने ट्वीट किया था, 'आम आदमी पार्टी की जीत हुई, बेवकूफ बनाने तथा फेंकने वालों की हार। दिल्ली के लोग, जो भारत के सभी हिस्सों से हैं, ने बीजेपी के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है। मैं दिल्ली के लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में अन्य राज्यों जहां चुनाव होंगे के लिए मिसाल पेश की है।'

63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त

बता दें कि कभी दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार 15 साल तक राज करने वाले कांग्रेस लगातार दो विधानसभा चुनावों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया। पार्टी को पांच फीसदी से भी कम वोट मिले हैं। कांग्रेस के 66 में से 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

ये उम्मीदवार ही बचा पाए जमानत

कांग्रेस पार्टी के तीन उम्मीदवार गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली, बादली से देवेंद्र यादव और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त ही अपनी जमानत बचा पाए। दिल्ली में कांग्रेस ने पहली बार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा। पार्टी ने 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि चार सीटें सहयोगी दल के लिए छोड़ी थी। अगर किसी उम्मीदवार को निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का छठा भाग नहीं मिलता है, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। कांग्रेस के अधिकतर प्रत्याशियों को कुल वोटों के पांच प्रतिशत से भी कम वोट मिले।

खाता नहीं खोल पाई कांग्रेस

दिल्ली की 70 में से 62 सीट आम आदमी पार्टी ने और 8 भाजपा ने जीती हैं। कांग्रेस दिल्ली की 70 सीटों पर हुए चुनाव में कोई सीट नहीं जीत सकी है। किसी भी सीट पर दूसरे नंबर पर आने में भी नाकाम रही। 2015 में भी कांग्रेस शून्य सीट पर सिमटी थी। इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत घटकर 4.36 प्रतिशत हो गया है। इस बार कांग्रेस ने दिल्ली में कुल 66 उम्मीदवारों को उतारा था वहीं 4 सीटों पर सहयोगी आरजेडी के प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। किसी भी सीट पर वो मुकाबले में नहीं रहे।

जानिए, कौन हैं शक्ति सिंह गोहिल

गोहिल का जन्म 4 अप्रैल 1960 को मुंबई के भावनगर में हुआ था। उन्होंने रसायन विज्ञान से स्नातक करने के बाद लॉ की पढ़ाई पढ़ी और पत्रकारिता का कोर्स भी किया है। 1986 से वो राजनीति में सक्रिय रहे हैं। गोयल कांग्रेस की सत्ता में वित्तमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री और शिक्षामंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। उनके दादा भी कांग्रेस पार्टी से 1967 में विधायक रह चुके हैं।

 

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