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सीएम पर्रिकर के इस्तीफे की मांग ने पकड़ा जोर, विपक्षी दलों ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की खराब सेहत के बीच लगातार उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।...
सीएम पर्रिकर के इस्तीफे की मांग ने पकड़ा जोर, विपक्षी दलों ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की खराब सेहत के बीच लगातार उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों से लेकर गठबंधन के साथियों तक की तरफ से इसे लेकर दबाव बनाया जा रहा है। अब यह मांग और जोर पकड़ती दिखाई दे रही है। कांग्रेस के कुछ नेताओं सहित सैकड़ों लोगों ने मंगलवार शाम को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निजी आवास तक मार्च कर उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने बीमार मुख्यमंत्री की जगह एक पूर्णकालिक मुख्यमंत्री नियुक्त करने की भी मांग की। उन्होंने पर्रिकर को इस्तीफा देने के िलए 48 घंटे का वक्त दिया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने यह मांग की कि पर्रिकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें क्योंकि वह बीमार हैं। ‘पीपुल्स मार्च फॉर रिस्टोरेशन ऑफ गवर्नेंस’ के बैनर तले लोगों ने करीब एक किलोमीटर तक मार्च किया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए पर्रिकर को 48 घंटे का 'अल्टीमेटम' दिया।

एनसीपी-शिवसेना ने भी किया समर्थन

कांग्रेस के अलावा एनसीपी और शिवसेना सहित अन्य दलों ने भी विरोध मार्च को समर्थन दिया। इस मार्च की पहल सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों ने की थी।

कांग्रेस पार्टी के गोवा इकाई प्रमुख गिरीश चोडंकर, विपक्ष के नेता चंद्रकांत कवलेकर, विधायक दिगंबर कामत, अलेक्सो रेजिनाल्डो लोरेन्को, एंटोनियो फर्नांडीस, फ्रांसिस सिल्विरा समेत अनेक कांग्रेस नेताओं ने मार्च में हिस्सा लिया।

आवास के 100 मीटर पहले पुलिस ने रोका

पुलिस ने प्रदर्शन मार्च को मुख्यमंत्री के निजी आवास से 100 मीटर पहले ही रोक दिया। डिप्टी कलेक्टर शशांक त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य के चलते प्रदर्शनकारियों से मिलने से इनकार कर दिया।

राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी

प्रदर्शनकारियों की तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता और विरोध मार्च के नेता एरेस रॉड्रिग्स, ने पार्रिकर को 48 घंटे का "अल्टीमेटम" दिया। एरीस रॉड्रिग्स ने कहा, "हमें पूर्णकालिक मुख्यमंत्री की जरूरत है। पिछले नौ महीनों से राज्य का प्रशास‌निक कार्य ठप हो गया है। मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात नहीं कर रहे हैं।"

एरीस ने 48 घंटे के भीतर कदम नहीं उठाए जाने पर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी।

शिवसेना के गोवा इकाई प्रमुख जीतेत कामत ने कहा, "राज्य के लोग मुख्यमंत्री के शीघ्र स्‍वास्‍थ्‍य सुधार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें राज्य प्रशासन पर कब्जा बनाए रखना चाहिए।"

खुद के मंत्री ने उठाए थे सवाल

बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर है। इसका इलाज कराने के चलते वो काम-काज से काफी दूर रहे हैं। उन्हें 14 अक्टूबर को दिल्ली एम्स से छुट्टी मिली थी, जिसके बाद वो स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। वो सार्वजनिक रूप से भी अब कम दिखाई देते हैं। वहीं कहा जा रहा है कि उनकी अनुपस्थिति में काम-काज भी ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। गोवा के राजस्व मंत्री रोहन खुंटे ने शनिवार को आरोप लगाया था कि पर्रिकर के अध्‍ाीीन आने वाले विभागों के नौकरशाह बीमार नेता की अनुपस्थिति का ‘दुरुपयोग’ कर रहे हैं और सरकारी योजनाओं को रोक रहे हैं। खुंटे ने कहा कि पर्रिकर की अनुपस्थिति में फाइलें आगे नहीं बढ़ रही हैं।

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